बेटी पर कविता : मंगलमय मृदुगान बेटियां...
- डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृता'
मंगलमय मृदुगान बेटियां
हम सबकी मुस्कान बेटियां
रात गमों की चीर अंधेरी
सूरज का आव्हान बेटियां
नूपुर पायल खनक चूड़ियां
राग-रागिनी-तान बेटियां
चुप निराश उदास जीवन में
खुशियां भैरव गान बेटियां
सुख-दु:ख की हमजोली बनकर
जीवन की हैं प्राण बेटियां
गेंदा की क्यारी-सी सुन्दर
देश-बाग की शान बेटियां
उजली भोर चहक चिड़ियों की
धरती का अभिमान बेटियां
नन्ही चंचल किंतु समय पर
शक्ति शस्त्र की खान बेटियां
पर्वत-अंचल, नदी-निर्झर-सी
नवनिर्माण उत्थान बेटियां
धर्म-आस्था, मंदिर-मूरत
भजनों का हैं गान बेटियां
संकट हरण तरन तारन हैं
भारत भू की शान बेटियां।