- पुष्पा परजिया
सबसे पहले मेरे सभी दोस्तों, पाठकों और मेरे प्यारे से भारत और दुनिया में बसे सभी भारतीय भाई-बहनों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं...
हमारे देश और दुनिया के किसी भी कोने में बसे सारे हिन्दुस्तानी इन दिनों एक अलग ही रंग में रंगे हुए हैं। हर किसी के मन में एक उमंग है, एक खुशी है, उल्लास है...। कितने प्यारे हैं न हमारे भारतीय त्योहार जिसमें बस सबके लिए प्यार और सौहार्द की भावना को बसाना है और जीवन की उदासी को छोड़कर नई उमंग के साथ जीने का संदेश है।
जैसे कि हर रंग का अपना एक अर्थ है। लाल रंग प्रेम का प्रतीक है, तो पीला रंग पवित्रता का और हरा रंग है आगे बढ़ते रहने का प्रतीक, तो भगवा रंग है साधुता का। नीला रंग आसमान की विशालता को जताता है, तो सफेद रंग सादगी और सच्चाई का द्योतक है और काला रंग अशुभता का परिचायक है और साथ ही दुःख का भी। यानी कि हरेक रंग का अपना-अपना अस्तित्व है और हमारे त्योहार मानो इन रंगों बने हैं और हमें जीवन का ये ही संदेश देते हैं कि हमारा जीवन इसी तरह के रंगों की तरह है, क्योंकि जीवन में कभी प्रेम आता है, तो कभी उदासी। कभी आगे बढ़ने की क्षमता प्राप्त होती है, तो कभी आसमान को छू लेने की आकांक्षा। कभी दु:खों के बादल छाते हैं, तो कभी खुशियों से जीवन झूमता है यानी कि जीवन की गति में समानता नहीं होती। कभी सुख, कभी दुःख, कभी विरह, कभी मिलन, कभी इंसानी जीवन आगे, तो कभी जीवन हमें बहुत पीछे धकेल देता है। ये रंग हमें ये ही समझाते हैं।
भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप लेकर प्रहलाद की रक्षा के लिए होलिका बुआ (प्रहलाद की बुआ) को होली की आग में भस्मीभूत कर दिया और प्रहलाद के प्राणों की रक्षा की थी इसलिए होली मनाई जाती है...।
दूसरा यह कि यह त्योहार हमारे कृष्ण कन्हैया भगवान से जुड़ा त्योहार है। ब्रज में तो एक महीना पहले से होली का त्योहार शुरू हो जाता है। कभी फूलों से होली खेलते हैं, कभी रेत में लोटते हैं, भक्त कभी रंगों से नहाते हैं। कई तरह की होली खेली जाती है। ब्रज की होली से तो सभी वाकिफ ही होंगे...।
पर आजकल होली खेलने का तरीका गलत होते जा रहा है। कोई ग्रीस से होली खेलता है, तो कोई कालिख से। यह ठीक नहीं है दोस्तों। आपके रंगों से या किसी तरह की अनुपयोगी चीजों से आप होली खेलोगे तो इससे किसी का नुकसान हो जाएगा। कोई आहत न हो, किसी को दुःख न हो, इस तरह से खेलें होली तब ही होली का मजा है। वरना दुश्मनी मिटने की बजाय दुश्मनी हो जाएगी किसी से।
आज आपने किसी की होली बिगाड़ी और गलत रंगों से किसी का मुंह खराब किया तो कल को कोई आपके साथ ये ही कर सकता है तो कृपया बहुत ध्यान से और प्यार से होली खेलिएगा।
होली त्योहार है उत्साह और उमंग का, पर्यावरण को दूषित करने का नहीं। मनाइए इस बार होली फ्रेंडली और हेल्दी तरीके से.....
- बचिए पानी के दुरुपयोग से।
- शामिल करिए प्राकृतिक रंगों को और बचिए केमिकल्स से।
- होलिका दहन में लकड़ियों की जगह अनुपयोगी वस्तुओं का करें दहन।
- न करें प्रयोग रंग से भरे गुब्बारों का, वो किसी को नुकसान पहुंचा सकते है।