बरसात ननद से मालवी में गुजारिश : इसे पढ़कर हंसी नहीं रूकने वाली
ओ म्हारी प्यारी बरसात ननद बई अबे तम पधारो तमारा देस........
बेन, कमाऊ पूत ने सासरे जाती बेटी सबके अच्छी लागे या के केवात तो तमने सुणी ज होएगी। देखो बेन तम एक तो सावन पेलाज पधारी गया हमने सोच्यो थो की राखी करी ने अपना घरे पधारी जाओगा, पण तम नी गया। चलो ठीक है बेन बेटी के पियर में रेनो अच्छो लगे तो और 8-15 दिन सई। पण तम तो जाने यां जमी ज गया।
अब तो भादवो भी आधे हुई गयो, फिर भी तम जाने को नाम नी ली रिया हो। देखो बेन जूना जमाना की बात और थी जदे घर ना भी बड़ा रिया करता था ने दिल में भी भोत जगे रेती थी। पण नवा जमाना में छोटा छोटा घर ना रे पामना के ठेराने में घणी आपदा पड़े। ने तम तो 1 जगे नी टिको हर कमरा में हर जगे तम तो फसरी जाओ ने सबके परेशान करी दो। ओ बरसात बई अब तो गणपति भी जाने वाला है, क्यों भई भतीजा ना के परेशान करो।
ने तमारा नाना-नानी का इस्कूल भी खोटी होता होएगा। थोड़ा दन बाद संजा बई पधारेगा म्हारे लागे उनका सातेंज जाओगा तम। हमने तमारे हरी-पीली गोटा वाली चूनरी भी ओढ़ई दी है। ककड़ी, भुट्टा,भजिया ,गुलाब जामू भी खवाड दिया अबे किरपा करी ने पधारो थारे देस।
तमारी भाभी