संगीत क्रिया से बढ़ सकती है याददाश्त
वॉशिंगटन। ध्यान की साधारण प्रक्रिया कीर्तन क्रिया और संगीत से याददाश्त और क्रिया-कलापों में उल्लेखनीय रूप से सुधार आ सकता है। हाल ही में प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है, कि इस क्रियाओं से याददाश्त में इजाफा होता है।
याददाश्त और सामान्य व्यवहार वे स्थितियां हैं, जो अल्जाइमर के शुरुआती चरण में प्रभावित होती हैं और इससे अल्जाइमर के शुरुआती चरणों का संकेत मिलता है।
अमेरिका की वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सब्जेक्टिव कॉग्निटिव डिक्लाइन (एससीडी) से पीड़ित 60 बुजुर्गों को शोध में शामिल किया। इन लोगों को 2 समूहों में बांटा गया। एक समूह को कीर्तन क्रिया वाले कार्यक्रम में रखा गया और दूसरे को संगीत वाले कार्यक्रम में शामिल किया गया। इन लोगों से कहा गया कि वे 12 हफ्तों तक प्रतिदिन 12 मिनट कीर्तन क्रिया या संगीत का अभ्यास करें।
ध्यान और संगीत वाले दोनों ही समूहों के लोगों की स्मृति और सामान्य व्यवहार में खासा सुधार देखा गया। इसमें सामान्य व्यवहार की उस तरह की प्रक्रियाएं शामिल हैं, जो डिमेंशिया जैसे रोगों के शुरुआती चरणों में प्रभावित होती हैं।
इस अभ्यास के बाद लोगों की स्मृति और सामान्य व्यवहार में सुधार देखा गया, जो 6 माह तक जारी रहा। दोनों समूहों के लोगों की नींद, मूड, तनाव का स्तर और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हुई। यह शोध 'जर्नल ऑफ अल्जामर्स डिसीज' में प्रकाशित हुआ। (भाषा)