सोमवार, 14 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. गुड़ी पड़वा
  4. Navsamvatsar Siddharth 2082
Last Updated : शनिवार, 29 मार्च 2025 (13:05 IST)

सिद्धार्थ संवत्सर में सूर्य राजा, बुध धनेश, जानें कैसा होगा विश्व के लिए हिन्दू नववर्ष

वि.सं. 2082 से शुरू होगा 'सिद्धार्थ' संवत्सर, जानें कैसा होगा ग्रहों का मंत्रिमंडल

Siddharth Navsamvatsar 2082
Siddharth Navsamvatsar 2025: जिस प्रकार देश को संचालित करने के लिए सरकार की आवश्यकता होती है जो मंत्रिमंडल बनाकर देश को संचालित करती है, ठीक उसी प्रकार शास्त्रों में ग्रहों के मंत्रिमंडल की भी व्यवस्था है। ग्रहों का यह मंत्रिमंडल समूचे विश्व को संचालित करता है। यह मंत्रिमंडल नवसंवत्सर के साथ ही प्रतिवर्ष बदलता रहता है।ALSO READ: चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से, कैसे करें देवी आराधना, जानें घट स्थापना के मुहूर्त
 
आइए जानते है विक्रम संवत 2082 (ई. सन् 2025) में ग्रहों का मंत्रिमंडल कैसा होगा।

सिद्धार्थ नामक संवत्सर अंतर्गत विक्रम संवत 2082 के प्रारंभ होते ही निम्न मंत्रिमंडल अपना कार्यभार लेकर विश्व का संचालन प्रारंभ करेगा जो निम्न प्रकार से होगा-
 
1. राजा (प्रधानमंत्री)- नवीन संवत्सर 2082 में राजा (प्रधानमंत्री) सूर्य होंगे। जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। सूर्य राजा के राजा होने से विश्व में वर्षा कम होगी। वर्षा कम होने फसलों एवं अन्न का उत्पादन कम होगा। खाद्य पदार्थों के मूल्य में वृद्धि होगी। जनता को पीड़ा होगी। धन-धान्य की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। वर्षा कम होने के कारण दुर्भिक्ष की संभावना होगी।ALSO READ: नवसंवत्सर 2082 के आगमन से क्या बदलेगा आपका भाग्य...!
 
2. दुर्गेश (रक्षामंत्री/गृहमंत्री)- जिस प्रकार देश की सरकार में कभी-कभी एक मंत्री दो मंत्रालय संभालता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी ऐसा होता है। नवीन वर्ष में दुर्गेश भी सूर्य होंगे, जो इस वर्ष राजा और मंत्री भी हैं। सूर्य के दुर्गेश होने से विश्व में शासक वर्ग अनुशासित व्यवहार करेगा। जनमानस के निर्भयता व सौहार्द्र का वातावरण बनेगा। प्रजा सुखी एवं देश की सीमाएं सुरक्षित होंगी। विश्वयुद्ध का खतरा टलेगा।
 
3. धनेश (वित्त मंत्री)- देश के संचालन हेतु वित्त की व्यवस्था करना वित्त मंत्री की ज़िम्मेवारी होती है, ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह कार्य धनेश करते हैं। नवीन संवत्सर 2082 में धनेश का यह पद बुध के पास है। नए वर्ष में बुध धनेश होंगे। बुध के धनेश होने से विश्व में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को लाभ होगा। जनता को धन-धान्य का लाभ होगा। बैंको का व्यापार बढ़ेगा। आयात-निर्यात में वृद्धि होगी।ALSO READ: गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल
 
4. रसेश (कृषि /खाद्य)- हिन्दू नववर्ष में रसेश शुक्र होंगे। शुक्र के रसेश होने से खाद्य पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि होगी। विश्व में कहीं-कहीं अतिवृष्टि होगी। रसयुक्त पदार्थों जैसे दूध, दही, फ़लों के रसों के दाम बढ़ेंगे। जनता प्रसन्न एवं सुखी रहेगी। राजा के प्रति जनता में विश्वास व सम्मान की भावना बलवती होगी। विश्व का शासन कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़कर अंततोगत्वा शांतिपूर्ण ढंग से संचालित होगा।
 
(निवेदन-उपर्युक्त विवेचन पंचांग आधारित होकर समूचे विश्व के संबंध में है। अत: इसे व्यक्तिगत फलित एवं केवल भारत के सन्दर्भ में ना देखें।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 
ये भी पढ़ें
हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर्व किस तरह मनाते हैं?