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Written By WD

डॉ. हर्षवर्धन

डॉ. हर्षवर्धन -
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हर्षवर्धन गोयल का जन्म 13 दिसम्बर 1954 को दिल्ली में ओमप्रकाश गोयल और स्नेहलता देवी के घर हुआ।

इन्होंने एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, दरियागंज से 1971 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कानपुर से 1979 में आयुर्विज्ञान तथा शल्य-चिकित्सा स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पश्चात 1983 में इसी कॉलेज से ओटोलर्यनोलोजी में मास्टर ऑफ सर्जरी की उपाधि अर्जित की।

एमबीबीएस, एमएस, डॉ. हर्षवर्धन पेशे से एक नाक, कान और गले के रोगों के चिकित्सक हैं। पत्नी का नाम नूतन है और उन दोनों के तीन बच्चे हैं। दो बेटे मयंकभरत और सचिन तथा एक बेटी इनाक्षी है। बड़े बेटे डॉ. मयंक भारत ने भी एमबीबीएस किया है।

इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस से एमबीए भी किया है। छोटे बेटे सचिन ने मोनाश विश्वविद्यालय से लेखा और वित्त में स्नातक किया है और वर्तमान में 'अर्न्सट & यंग' में कार्यरत् हैं। बेटी इनाक्षी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम (ऑनर्स) में स्नातक किया है। हर्षवर्धन दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित अपने पैतृक घर में परिवार सहित रहते हैं।

बचपन से ही दक्षिणपंथी हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे डॉ. हर्षवर्धन अपनी ईमानदार छवि के लिए पार्टी के अधिकारियों की पसंद हैं। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 1993 में कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और दिल्ली की पहली विधानसभा के सदस्य बने।

इन्हें दिल्ली की सरकार में कानून और स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया। 1996 में शिक्षा मंत्री बने। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अक्टूबर 1994 में पोलियो उन्मूलन योजना का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम सफल रहा, जिसके बाद इसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश में अपनाया गया।

उनकी इस दूरगामी सोच का ही नतीजा है कि आज राजधानी दिल्ली पोलियो मुक्त शहरों की सूची में शामिल हुई। पोलियो कार्यक्रम की कामयाबी पर हर्षवर्धन को विश्व स्वस्थ्य संगठन से भी सम्मान प्राप्त हो चुका है। इसी उपलब्धि के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी हर्षवर्धन की तारीफ कर चुके हैं।

हर्षवर्धन 1998 और 2003 में फिर से कृष्णा नगर से विधानसभा के लिए चुने गए। 2008 विधानसभा चुनाव में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पार्षद दीपिका खुल्लर को 3,204 मतों से हराने के साथ ही चौथी बार विधानसभा की सदस्यता प्राप्त की। इस प्रकार हर्षवर्धन विधानसभा चुनाव इतिहास में कभी भी पराजित नहीं हुए। डॉ. हर्षवर्धन को अपनी पार्टी का एक अनुभवी और सम्मानित सदस्य माना जाता है।

चुनाव से क़रीब सवा महीने पूर्व 23 अक्टूबर 2013 को उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। 2013 के दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने हर्षवर्धन के नेतृत्व में कुल 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे, जिनमें से 31 विजयी हुए।

पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा ने वोटों का प्रतिशत कम रहने के बावजूद 6 सीटें अधिक जीतीं। त्रिकोणीय मुकाबले में उनकी पार्टी पहले स्थान पर रही जबकि उन्होंने स्वयं कृष्णा नगर विधानसभा सीट भारी अन्तर से जीती। 2001 में रोटरी इंटरनेशनल ने उन्हें 'पोलियो उन्मूलन चैंपियन अवार्ड' से सम्मानित किया। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की दिल्ली शाखा ने उन्हें 2002 में 'डॉक्टर ऑफ द लास्ट डेकेड' (स्वास्थ्य रत्न) से नवाज़ा।

नीला रंग उन्हें पसंद है। उनका उपनाम 'कुकू' है। डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए उन्हें उनके दादाजी ने प्रेरित किया था। उन्होंने 'अ टेल ऑफ टू ड्रॉप्स' नामक किताब भी लिखी है, जिसमें उन्होंने पोलियो उन्मूलन के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान का ज़िक्र किया था।

यूएसए, इंग्लैण्ड, स्विट्ज़रलैंड, फिनलैंड, स्वीडन, मॉरिशियस, नेपाल, फिलिपींस, बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया, जापान, ब्राज़ील, थाईलैंड आदि देशों की यात्राएं की हैं।