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Written By WD

होली की हँसी-ठिठोली!

- गफूर 'स्नेही'

humor Jokes | होली की हँसी-ठिठोली!
ND

होली अईगी होली,
हुई री घनी ठिठोली

नेता लूटी रिया देश,
देखी री जनता भोली॥

इंदरधनुषी रंग का,
सपना का कोरा खाका।

उलझाट पैदा करता
दिखी रिया है ताखा।

कई बजाय फूटा के ढ़ोल
फोड़ी के ढ़ोली,

होली अईगी होली,
हुई री घनी ठिठोली।

सड़क आखी उखड़ी गई,
कोई की नींद नी उगड़ी,
रक्षा की कसम खावाँ वाला
खेंची रिया लुगड़ी।

पेटी भरी रिया हाथ
था जिनके कटोरा झोली,
होली अईगी होली,
हुई री घनी ठिठोली

चोरी, डकैती, हत्या,
लूटपाट अने बलवा,

पुलस देखी री उनके
जवान हुआ रंडवा।
बहादुरी का मैडल नी
इनके दइदी चूड़ी चोली।

होली अईगी होली,
हुई री घनी ठिठोली

गरीब हुन मरीरिया,
भूख अने बेमारी।

धणी लोग उठी रिया ऊँचा,
करोड़पति बनवा की तैयारी॥

आँधी का कचरा उड़ी के
गिरेगा उड़ी डौली,

होली अईगी होली,
हुई री घनी ठिठोली।