लखनऊ। उत्तरप्रदेश में साल 2019 में 3 ऐसी विशेष घटनाएं हुईं जिनकी चर्चा पूरे प्रदेश व देश में होती रही। इसको लेकर पूरे साल विपक्ष के निशाने पर उत्तरप्रदेश में योगी सरकार बनी रही। इन घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार की किरकिरी भी खूब हुई और पूरे उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते रहे।
1. उन्नाव गैंगरेप : उत्तरप्रदेश सरकार में कद्दावर नेताओं में से एक विधायक कुलदीप सेंगर के ऊपर नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा और जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। लेकिन जब पीड़िता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ा और न्याय के लिए जब पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की तो विधायक के रसूख के आगे उन्नाव पुलिस इतनी नतमस्तक हो गई कि पुलिस ने उसके पिता पर ही मामला दर्ज कर दिया और जेल भेज दिया और इस दौरान उसके पिता की मौत हो गई।
फिर भी पीड़िता पीछे नहीं हटी और न्याय के लिए विधायक के खिलाफ मोर्चा खोले रखा जिसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी को विपक्ष के दबाव के चलते विधायक व पार्टी के कद्दावर नेता कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। लेकिन विधायक को पार्टी से बाहर निकालने में बीजेपी ने इतनी देरी कर दी कि विपक्ष ने जमकर बीजेपी पर आरोप लगाए और घेरने का प्रयास किया।
लेकिन बीजेपी के पास विपक्ष को जवाब देने के लिए कोई उत्तर नहीं था। दूसरी तरफ न्याय की जंग लड़ी पीड़िता को देर से ही सही, पर न्याय मिला और कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपी मानते हुए उम्रकैद की सजा तो सुनाई ही, साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया।
2. यौन उत्पीड़न मामला : उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व गृहमंत्री पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ। इसे लेकर पूरे प्रदेश में बीजेपी की बेहद किरकिरी हुई और विपक्ष ने जमकर निशाना साधा। विपक्ष ने तो यहां तक कह डाला कि प्रदेश में महिलाएं कैसे सुरक्षित हों, जब पार्टी में ही इस तरह के लोग मौजूद हैं।
बताते चलें कि शाहजहांपुर की कोर्ट में यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा ने गुहार लगाई कि उसके साथ बीजेपी के नेता व पूर्व गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने यौन उत्पीड़न किया है जिसे लेकर कई बार शिकायतें करने के बावजूद पुलिस ध्यान नहीं दे रही है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए मामला दर्ज करने की बात कही। पुलिस ने आनन-फानन में मामला दर्ज कर बीजेपी नेता व पूर्व गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया लेकिन वहीं दूसरी तरफ छात्रा के ऊपर भी ब्लैकमेलिंग का चार्ज लगा और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बताते चलें कि इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बीजेपी नेता व पूर्व गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के वायरल वीडियो के चलते बीजेपी को भी बेहद किरकिरी का सामना उठाना पड़ा था।
3. रेप पीड़िता आग के हवाले : उत्तरप्रदेश के उन्नाव में अभी विधायक कुलदीप सेंगर के घटनाक्रम को लेकर प्रदेश में सरकार की किरकिरी होने के कुछ दिन में ही नहीं बीते थे कि एक अन्य मामले में फिर सरकार पर निशाना साधने के लिए विपक्ष को मौका दे दिया और विपक्ष ने जमकर सरकार के साथ-साथ पुलिस पर निशाना साधा।
बताते चलें कि उन्नाव में रेप पीड़िता सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी जिस पर आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया। जिंदगी और मौत से जूझते हुए रेप पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। इसके बाद विपक्ष ने जमकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे हैं और पुलिस इतनी दबाव में है कि वह इन अपराधियों की चुनौती के आगे नतमस्तक है।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता को जलाने वाले आरोपी कोई और नहीं बल्कि सरकार में ताल्लुक रखने वाले लोग ही हैं। इसी बीच उन्नाव पुलिस ने रेप पीड़िता को आग के हवाले करने वाले सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और रेप पीड़िता ने भी मौत से पहले पुलिस को अपने बयान दर्ज करा दिए थे।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में की 3 घटनाएं ऐसी थीं जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया और पूरे प्रदेश की किरकिरी भी जमकर अन्य प्रदेशों में हुई। और तो और, उत्तरप्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर पूरे साल इन्हीं घटनाओं को लेकर बनी रही। तीनों घटनाएं उत्तरप्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े करती हुई नजर आईं और कहीं न कहीं इन तीनों घटनाओं ने उत्तरप्रदेश में योगी सरकार की भी छवि धूमिल की।