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Last Modified: मंगलवार, 8 दिसंबर 2020 (17:03 IST)

अमेरिका के कई सांसदों ने किसान आंदोलन का किया समर्थन, भारत ने जताया कड़ा ऐतराज

अमेरिका के कई सांसदों ने किसान आंदोलन का किया समर्थन, भारत ने जताया कड़ा ऐतराज - us parliament members supported farmers protest in India objected and calls it irrelevant
वॉशिंगटन। अमेरिका के कई सांसदों और सिख समुदाय की प्रमुख हस्तियों ने भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
भारत में पंजाब, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के हजारों किसान केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 
 
इन कानूनों को ‘किसान विरोधी’बताते हुए कई किसानों ने दावा किया है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उन्हें बड़े कारोबारी घरानों के ‘रहम’ पर रहना होगा।
 
हालांकि सरकार का कहना है कि नए कानून से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा।  अमेरिकी कांग्रेस के सांसद डग लामाल्फा ने कि भारत में अपनी आजीविका बचाने की खातिर और सरकार के भ्रामक, अस्पष्ट नियम-कायदों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाबी किसानों का मैं समर्थन करता हूं। 
कैलिफोर्निया से रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि पंजाबी किसानों को अपनी सरकार के खिलाफ हिंसा के भय के बगैर शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत होनी चाहिए। हालांकि भारत ने किसानों के प्रदर्शन पर विदेशी नेताओं के बयानों को ‘भ्रामक’ और ‘अनुचित’ बताया और कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक देश का आंतरिक मामला है।
 
डेमोक्रेट सांसद जोश हार्डर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उसे अपने नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए। मैं इन किसानों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सार्थक बातचीत की अपील करता हूं। 
सांसद टीजे कॉक्स ने कहा कि भारत को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार को बरकरार रखना चाहिए और अपने नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।  सांसद एंडी लेवी ने कहा कि उन्हें भारत में किसानों के आंदोलन से प्रेरणा मिली है। उन्होंने कहा कि मैं इसे 2021 में जनता की ताकत उभरने के तौर पर देखता हूं।
 
अमेरिका के सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदर्शनरत किसानों की मांगें मानने और उनसे बातचीत जारी रखने का अनुरोध किया।  प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में ‘सिख्स ऑफ अमेरिका’ ने किसानों के प्रदर्शन को मान्यता देने का अनुरोध किया है।
 
 भारतीय मूल के अमेरिकी सिख जस्सी सिंह तथा सिख समुदाय की अन्य प्रमुख हस्तियों के हस्ताक्षरित पत्र में समाज के एक वर्ग द्वारा किसानों के जायज प्रदर्शन को अलगाववादी या खालिस्तान समर्थक आंदोलन से प्रेरित बताने पर आपत्ति जताई गई है।
 
 जस्सी सिंह ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय आंदोलन है और यह सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं है। पत्र में कहा गया है कि कृपया किसानों की मांगों को स्वीकार करें। भारत में किसानों के आंदोलन को अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया ने भी जगह दी है।
 
‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने लिखा है कि प्रदर्शन दिल्ली के बाहर तक फैल गया है। किसानों ने दक्षिणी राज्यों केरल और कर्नाटक तथा पूर्वोत्तर के राज्य असम में भी मार्च निकाला और बैनरों के साथ प्रदर्शन किया। उत्तरप्रदेश के गन्ना किसानों ने भी एकजुटता दिखाते हुए दिल्ली से लगी राज्य की सीमा पर प्रदर्शन किया।
 
‘सीएनएन’ की एक खबर के मुताबिक हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। इन किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। (भाषा) 
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