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Last Updated : सोमवार, 8 फ़रवरी 2021 (16:01 IST)

Farmers Protest: कांग्रेस ने कहा, पीएम ने सिर्फ राजनीतिक तकरीर की, समाधान नहीं बताया

Farmers Protest: कांग्रेस ने कहा, पीएम ने सिर्फ राजनीतिक तकरीर की, समाधान नहीं बताया - Congress said that PM only made political disputes, did not say the solution
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में वक्तव्य देने के बाद सोमवार को उन पर किसानों एवं देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने सिर्फ राजनीतिक तकरीर की लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई बात नहीं की। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने की बजाय, बिना तथ्य के बातें कर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से अपना आंदोलन समाप्त कर कृषि सुधारों को एक मौका देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह समय खेती को खुशहाल बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश में सुधार होते हैं तो उसका विरोध होता है।
उन्होंने कहा कि जब देश में हरित क्रांति आई थी उस समय भी कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का विरोध हुआ था। उनके वक्तव्य के बाद खड़गे ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमारी अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री किसान आंदोलन और देश में मचे हल्ले को देखकर तीनों कानूनों को वापस लेने की बात करेंगे। वह फिर सभी संबंधित पक्षों से बातचीत करके तथा संसद को भरोसे में लेकर नए कानून की पहल की भी बात करेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों के लोगों ने सदन में बताया कि इन कानूनों में क्या खामियां हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे नजरअंदाज कर दिया। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि लोग कानूनों को बिना पढ़े ही बातें कर रहे हैं। क्या हम लोग बिना पढ़े बोल रहे हैं? खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के भाषण में कोई तथ्य नहीं था। वह सिर्फ राजनीतिक तकरीर करते हैं, इस बार भी वही करके चले गए। उन्होंने सदन को गुमराह किया। किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए उन्होंने कोई बात नहीं की।
पार्टी के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि दुख के साथ कहना पड़ता है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने जवाब दिया है उससे देश के लोगों को शर्म आती है। क्या प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को संसद के भीतर मजाकिया बातें करनी चाहिए? प्रधानमंत्री ने विश्वासघात किया है। वह कम से कम शहीद किसानों के लिए दो शब्द कह सकते थे।
 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चीन के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला। गरीब और मजदूर की भी उन्होंने कोई बात नहीं की। उनके भाषण में देश को लेकर कोई चिंता नहीं थी, इसलिए हमने भाषण के बाद सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद हरियाणा और समूचे उत्तर भारत में निराशा है तथा अब लगता है कि किसानों को आगे लंबा संघर्ष करना पड़ेगा। (भाषा)
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