MIG-21: क्यों कहा जाता है लड़ाकू मिग-21 विमानों को फ्लाइंग कॉफिन?
Mig-21 crash in Rajasthan: राजस्थान में सूरतगढ़ से उड़ान भरने के बाद वायुसेना का मिग-21 (MIG-21) दुर्घटनाग्रस्त (Crashed) हो गया। यह विमान हनुमानगढ़ जिले बहलोलनगर में एक घर के ऊपर गिर गया, जिससे तीन महिलाओं की मौत हो गई। विमान का पायलट सुरक्षित है। भारतीय वायुसेना के इतिहास पर नजर डालें तो मिग-21 (Russian built Mikoyan-Gurevich) ही ऐसा लड़ाकू विमान है, जो सबसे ज्यादा दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इसके चलते कई पायलट शहीद हो गए।
यदि दुर्घटना की बात की जाए तो अब तक देश में मिग-21 के करीब 400 से ज्यादा विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं। दुर्घटनाग्रस्त होने वाले लड़ाकू विमान मिग के रिकॉर्ड को देखते हुए इस फ्लाइंग कॉफिन भी कहा जाने लगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि इस विमान की कोई विशेषता नहीं है।
1971 के युद्ध में लड़ाकू मिग विमानों ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूत कर दिया था। इसकी स्पीड के कारण इस रूसी लड़ाकू विमान से अमेरिका भी खौफ खाता है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी 2019 को मिग विमान से ही विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने भारतीय सीमा में घुसे लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराया था।
मिग दुर्घटनाओं के मद्देनजर 2025 तक इन्हें वायुसेना की सेवा से हटा लिया जाएगा। एक जानकारी के मुताबिक इस वक्त करीब 50 मिग-21 विमान सेवा में बने हुए हैं। दरअसल, भारतीय वायुसेना में मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह अत्याधुनिक सुखोई-30 और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) जैसे अधिक सक्षम विमान ले रहे हैं।
मिग पर संसद में पब्लिक अकाउंट कमेटी दुर्घटनाओं के मामले में मिग का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। 21 मार्च 2002 में संसद में पब्लिक अकाउंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय वायुसेना में होने वाले कुल एक्सीडेंट में से 62 फीसदी एक्सीडेंट मिग विमानों से हुए हैं।
पहली बार इन रूसी विमानों को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया था। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 60 साल के इतिहास में 400 से ज्यादा मिग-21 विमान क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में करीब 200 पायलट शहीद हो चुके हैं। इन हादसों में 60 से ज्यादा आम नागरिकों की भी मौत हो चुकी है। पिछले 16 महीनों के रिकॉर्ड पर ही नजर डालें तो मिग-21 से जुड़े 7 हादसे हो चुके हैं।