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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 15 मार्च 2025 (11:54 IST)

पापमोचनी एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व?

Papamochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व? - Papamochani Ekadashi 2025 Date
When is Papamochani Ekadashi in 2025: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान श्री विष्णु को समर्पित है। पापमोचनी एकादशी का अर्थ है समस्त पापों का नाश करने वाली एकादशी। पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन विष्णु पुराण का पाठ करना फलदायी रहता है।ALSO READ: रंग पंचमी के 5 अचूक उपाय, किस्मत चमकाएं और धन-संपत्ति लाएं
 
2025 में पापमोचनी एकादशी कब है : वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह के 05 बजकर 05 मिनट शुरू हो रही है और तिथि का समापन 26 मार्च को सुबह में 03 बजकर 45 मिनट पर होने वाला है। अत: उदया तिथि के अनुसार पापमोचिनी एकादशी व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा।  
 
पापमोचनी एकादशी का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें। और हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए।

इस दिन किसी भी जीव को नुकसान नही पहुंचाना चाहिए। यह एकादशी झूठ न बोलने तथा किसी को धोखा नहीं देने की सीख देती है। इस तिथि पर क्रोध नहीं करें तथा शांत रहना उत्तम रहता है। इस तरह पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान श्रीहरि की कृपा पाने तथा अपने जीवन को सुखमय बनाने का एक उत्तम अवसर है।
 
पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि:
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
- दिन भर उपवास रखें और शाम को भगवान विष्णु की आरती करने के बाद फलाहार करें।
- अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
- तत्पश्चात पारण करें। 

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