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Written By WD Feature Desk

आमलकी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

आमलकी एकादशी व्रत की पूजा विधि

Lord Vishnu Ekadashi
Amalaki ekadashi 2024: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। इसे आमलक्य एकादशी भी कहते हैं। आमलकी यानी आंवला। इसे रंगभर एकादशी भी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 20 मार्च 2024 बुधवार के दिन आएगी। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के मध्य में आती है। आमलकी एकादशी के दिन भगवान शिव की नगरी काशी में उनका विशेष श्रृंगार पूजन होता है और उनको दूल्हे के रूप में सजाते हैं।
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 20 मार्च 2024 को 12:21 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 21 मार्च 2024 को 02:22 ए एम बजे
एकादशी का व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा।
  • प्रातः सन्ध्या : प्रात: 05:13 से 06:25 से।
  • विजय मुहूर्त : दोपहर 02:30 से 03:18 तक।
  • सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:32 से 07:44 तक।
  • अमृत काल : दोपहर 03:35 से शाम 05:20 तक।
  • रवि योग : शाम 06:25 से रात्रि 10:38 तक।
  • निशीथ मुहूर्त : रात्रि 12:04 से 12:52 तक।
आमलकी एकादशी की पूजा विधि:-
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्तर का संकल्प लें।
- इसके बाद श्रीहिर विष्णु की पूजा की तैयारी करें। हल्दी, कंकू, अक्षत, धूप, दीप आदि थाली में सजाएं।
- लकड़ी के साफ पाट पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर विष्णुजी की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करें।
- अब मूर्ति या तस्वीर को जल के छींटे देकर स्नान कराएं।
- धूप और घी का दीप जलाएं और फिर आंवले सहित पांच या दस प्रकार की पूजा सामग्री से उनकी पूजा करें।
- घी का दीपक जलकार विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- आंवले का फल भगवान विष्णु को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें।
- आंवले के वृक्ष का धूप, दीप, चंदन, रोली, पुष्प, अक्षत आदि से पूजन कर उसके नीचे किसी गरीबों को भोजन कराना चाहिए।
- अगले दिन यानि द्वादशी को स्नान कर विष्णुजी के पूजन के बाद ब्राह्मणों या पंडितों को दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें। 
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