हजरत मोहम्मद सल्ललाहू अलै. ने फरमाया- 4 बातों को इस महीने में खूब करो, जिनमें से 2 चीज़े अल्लाह को राज़ी करने के लिए हैं वह यह कि पहला कलिमा खूब पढ़ो और अस्तग़फार खूब पढ़ो। दूसरी 2 चीजें अपने फायदे के लिए हैं वह ये कि जन्नत की दुआ करो और जहन्नुम से बचने की दुआ मांगो।
(1) कलिमा- ला इलाहा इलल ला मोहम्मदुर रसूलुल्लाह। हदीसों में इसको सबसे अच्छा जिक्र माना गया है। अगर सातों आसमान, सातों ज़मीन और उनके आबाद करने वाले (यानी सारे इंसान और जिन्नात), सारे फरिश्ते, चांद-सूरज, सारे पहाड़, सारे समुद्र तराजू के एक पलड़े में रख दिए जाएं और एक तरफ ये कलमा रख दिया जाए तो कलमे वाला हिस्सा भारी पड़ जाएगा। इसलिए ये कलिमा चलते-फिरते, उठते-बैठते पढ़ते रहें।
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(2) अस्तग़फार- अस्तग़फिरुल्ला हल लज़ी लाइलाहा इल्ला हुवल हयिल कयुम व अतुबु इलैही। हदीसों में आया है कि जो शख्स अस्तग़फार को खूब पढ़ता है अल्लाह पाक हर तंगी में उसके लिए रास्ता निकाल देता है और हर दुख को दूर कर देते हैं और उसके लिए ऐसी जगह से रोजी-रोजग़ार पहुंचाता है कि उसे गुमान भी नहीं होता।
हदीस में आया है कि आदमी गुनाहगार तो होता ही है, पर बेहतरीन गुनाहगार वह है जो तौबा करते रहे। जब आदमी गुनाह करता है तो एक काला नुक्ता उसके दिल पर लग जाता है। अगर तौबा कर लेता है तो वह धूल जाता वर्ना बाकी रहता है।
(3-4) दौज़ख से पनाह मांगे और जन्नत में जाने की दुआ करें। हम जब भी अल्लाह से जन्नत की दुआ करें तो जन्नतुल फिरदोस मांगे क्योंकि जन्नत के भी कई दर्जें होते हैं और सबसे ऊंचा दर्जा जन्नतुल फिरदोस है।
जब मांग ही रहे हैं तो सबसे ऊंची चीज मांगे क्योंकि उस देने वाले (अल्लाह) के खजाने में कोई कमी नहीं है। हम मांग-मांग कर थक जाएंगे पर वह देकर नहीं थकता।