मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. विजयादशमी
  4. dussehra 2024
Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 (12:19 IST)

क्‍या कुबेर थे रावण के भाई, फिर क्यों रावण था राक्षस जबकि कुबेर देवता कहलाए

जानिए रावण को सोने की लंका मिलने का क्या है रहस्य

क्‍या कुबेर थे रावण के भाई, फिर क्यों रावण था राक्षस जबकि कुबेर देवता कहलाए - dussehra 2024
Rawan and Kuber Dev
 
What is the relation between Rawan and Kuber Dev : पौराणिक कथाओं में रावण और कुबेर का नाम कई बार सामने आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुबेर और रावण आपस में भाई थे? इस सवाल का जवाब खोजते हुए हमें हिंदू धर्म के ग्रंथों में दर्ज कई रोचक कहानियाँ और तथ्य मिलते हैं। इस लेख में हम इन दोनों के संबंधों की गहराई में जाकर इसकी सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे।

कुबेर कौन थे?
कुबेर को धन के देवता के रूप में जाना जाता है। वह उत्तर दिशा के संरक्षक माने जाते हैं और स्वर्ण, रत्न और धन-सम्पत्ति के स्वामी हैं। कुबेर का निवास स्थान 'अलकापुरी' है, जो हिमालय के निकट स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार, वह ब्रह्मा जी के मानस पुत्र थे और उन्हें स्वर्ग का खजांची माना जाता था।

क्या है रावण और कुबेर के बीच सम्बन्ध 
हिंदू पुराणों के अनुसार, रावण और कुबेर आपस में सौतेले भाई थे। दोनों का पिता विश्रवा था, जो ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे। कुबेर का जन्म विश्रवा की पहली पत्नी, देवांगना इडविडा से हुआ था, जबकि रावण का जन्म विश्रवा की दूसरी पत्नी, राक्षसी कैकसी से हुआ था। इस कारण से कुबेर और रावण का रिश्ता सौतेले भाई का था।

रावण और कुबेर के बीच संघर्ष
हालांकि रावण और कुबेर भाई थे, लेकिन उनके बीच संबंध सामान्य नहीं थे। जब रावण बड़ा हुआ, तो उसने कुबेर से स्वर्ण नगरी लंका छीन ली। रावण ने कुबेर के पुष्पक विमान पर भी कब्जा कर लिया, जो स्वर्ग का दिव्य विमान था। इस घटना के बाद से दोनों भाइयों के बीच दूरी और शत्रुता बढ़ गई।

क्या है कुबेर और रावण के बीच अंतर
कुबेर को धन और सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है, जबकि रावण को बल, पराक्रम और अहंकार का प्रतीक माना जाता है। कुबेर के पास एक शांत और संतुलित व्यक्तित्व था, जबकि रावण का व्यक्तित्व आक्रामक और अहंकारी था। यही कारण था कि कुबेर ने अपनी शांति और समृद्धि को बचाए रखने के लिए रावण से दूर रहना उचित समझा।

संक्षेप में, कुबेर और रावण वास्तव में आपस में भाई थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व और सोच में बहुत अंतर था। जहाँ कुबेर समृद्धि और शांति के प्रतीक थे, वहीं रावण अपने अहंकार और शक्ति की भूख के लिए जाने जाते थे। दोनों के बीच के इस विरोधाभास ने ही उनके रिश्ते को संघर्षपूर्ण बना दिया।