रवि पुष्य नक्षत्र के 10 घंटे हैं अनमोल, विलक्षण विराट महासंयोग
इस बार दीपावली पूर्व दिनांक 22 को शनि पुष्य व 23 को रवि-पुष्य का सुंदर संयोग आ रहा है। भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थायी संपत्ति में निवेश से प्रचुर लाभ प्राप्त होगा।
रवि-पुष्य अमृत सिद्धि योग 23 अक्टूबर, रविवार को 10 से 15 घंटे का होगा। इस महामुहूर्त के दौरान खरीदारी करना अत्यंत शुभ है। इस बार रवि-पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी एवं सूर्य बुध के एकसाथ होने से दिव्य बन रहा है। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धनवर्षा कराएगा।
जानकारों का कहना है , रविवार को रवि-पुष्य नक्षत्र का विलक्षण विराट महासंयोग बन रहा है। इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व माना गया है। रवि-पुष्य अपने आप में श्रेष्ठ नक्षत्र में माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र 1 दिन पूर्व 22 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 8.41 बजे से लग रहा है, जो रविवार को रात्रि 8.41 तक रहेगा।
पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदी समृद्धिकारक होती है। पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है जिसे खरीदने से अत्यधिक लाभ मिलेगा और 22 को शनि पुष्य व 23 को रवि पुष्य का योग बनने से भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थायी संपत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ प्राप्त होगा। पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है जिसे खरीदने से शांति और समृद्धि के क्षेत्र में विशेष लाभ मिलेगा।
सोना-चांदी, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक के सामान, बही-खाता खरीदने का महा-मंगल-मुहूर्त
रवि-पुष्य (23 अक्टूबर) के शुभ और मंगलकारी मुहूर्त
प्रात: 9 से 10.30 लाभ।
प्रात: 10.30 बजे से 12 अमृत।
दोपहर 1.30 से 3 शुभ।
शाम 6 से 7.30 शुभ।
शाम 7.30 से 9 तक अमृत।
स्थिर लग्न वृश्चिक प्रात:काल 8.13 से 10.13 बजे तक।
स्थिर लग्न कुंभ लग्न दोपहर 2.22 से 3.55 बजे तक।
स्थिर लग्न वृषभ सायंकाल 7 से रात 9 बजे तक रहेगा।