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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015 (22:13 IST)

छह महिलाएं भी पहुंचीं दिल्ली विस में

छह महिलाएं भी पहुंचीं दिल्ली विस में - AAP
नई दिल्ली। सत्तर सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में इस बार छह महिलाओं ने अपना स्थान सुरक्षित किया है। राष्ट्रीय राजधानी की आबादी में महिलाओं का प्रतिशत 45 है, लेकिन मात्र आठ फीसदी महिलाएं ही विधानसभा पहुंचीं हैं।
 
वैसे 66 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, लेकिन छह ही जीत पाईं और वे सभी आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखती हैं। महिला विधायकों में राखी बिड़ला, वंदना कुमारी, सरिता सिंह, अलका लांबा, प्रामिला टोकस और भावना गौड़ हैं।
 
दिलचस्प बात है कि 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आप से ही तीन महिला उम्मीदवार विजयी हुई थीं, जिसमें राखी, वंदना और वीना आनंद थीं।
 
आप की 49 दिन की सरकार में राखी महिला और बाल विकास, सामाजिक कल्याण और भाषा की कैबिनेट मंत्री थीं। उन्होंने पश्चिम दिल्ली की मंगोलपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के राजकुमार चौहान को 22699 वोटों से शिकस्त दी।
 
वंदना कुमारी 2013 में शालीमारबाग से विधायक निर्वाचित हुईं थीं और भाजपा की महिला प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हराकर विजयी हुईं।
 
अलका लांबा, कांग्रेस संबंद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई की पूर्व नेता हैं, वे 2013 में आप में शामिल हुईं थीं, उन्होंने भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 18000 से ज्यादा वोटों से हराया है।
 
एक अन्य महिला प्रामिला टोकस भी विजयीं रहीं हैं, वे निर्दलीय पार्षद हैं। उन्होंने आरकेपुरम विधानसभा से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर पिछली बार आप ने शाजिया इल्मी को उतारा था।
 
आप की छात्र इकाई की अध्यक्ष सरिता सिंह ने रोहताश नगर विधानसभा क्षेत्र से 7874 वोटों से जीत हासिल की है। भावना गौड़ ने पालम सीट से भाजपा के धर्म देव सोलंकी को 30849 वोटों से पटखनी दी है।
 
गौरतलब है कि तीनों राजनीतिक पार्टियों -आप, भाजपा, और कांग्रेस ने 19 महिला उम्मीदवारों को उतारा था। (भाषा)