आप की जीत पर क्या बोले दुनिया के अखबार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की शानदार जीत की गूंज दुनिया भर में सुनाई दी है। अमेरिकी समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने लोकसभा चुनाव में भारी विजय हासिल करने के एक साल के अंदर दिल्ली में मिली करारी हार को 'राजनीतिक भूकम्प' बताया है। अखबार लिखता है कि 'एक साल से भी कम समय में ऐतिहासिक जीत हासिल कर प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी को मंगलवार को देश की राजधानी में एक हल्के राजनीतिक भूकम्प का सामना करना पड़ा।
अमेरिका से ही प्रकाशित होने वाले एक अन्य अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार 'चुनाव को दिल्ली में नरेंद्र मोदी के राजनीतिक प्रभाव के पैमाने के तौर पर देखा जा रहा था। पिछले साल मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की हार पहली बड़ी राजनीतिक नाकामयाबी है। मोदी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता के चलते भाजपा ने कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। वे मंगलवार को भी इसे दोहराना चाहते थे, लेकिन दिल्ली में करिश्माई केजरीवाल ने भाजपा के लिए कठिन चुनौती पेश की।'
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अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने प्रख्यात विज्ञानी आइजक न्यूटन के सिद्धांत का हवाला देते हुए लिखा कि 'इस सप्ताह दिल्लीवासी भौतिकी के सिद्धांत की बात करेंगे। आखिरकार, जो ऊपर जाता है, उसका नीचे आना जरूरी है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भारी सफलता मिलने के बाद भारत के सत्तारूढ़ दल भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने चौंका दिया।' बीबीसी ने इस हार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए करारी हार बताया है जबकि लंदन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' ने दिल्ली चुनाव नतीजों को भाजपा के लिए शर्मनाक हार बताया तो 'गार्जियन' समाचार पत्र ने इसे मोदी के लिए करारा आघात बताया।
हफिंगटन पोस्ट ने 'आप' को 'किलर' बताया है, वहीं गार्जियन ने लिखा है कि भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी ने दिल्ली चुनावों में मोदी को जबरदस्त झटका दिया है। वहीं पाकिस्तान के समाचार पत्रों में 'आप' की जीत से ज्यादा मोदी की हार पर चर्चा की गई है।
पाक में मोदी की हार पर चर्चा : पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द डॉन' ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप' की जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार ज्यादा बताया है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि बीजेपी को इस चुनाव में भारी हार का मुंह देखना पड़ा, जो केंद्र की सत्ता में आने के बाद पार्टी की पहली हार है। 'डॉन' ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रचारक अरविंद केजरीवाल की पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद मोदी द्वारा किए गए ट्वीट को भी अपनी रिपोर्ट में जगह दी। इसमें मोदी ने केजरीवाल को बधाई दी है और दिल्ली के विकास में केंद्र के समर्थन का विश्वास दिलाया है।
ब्रिटिश समाचार पत्र 'द गार्जियन' ने लिखा है कि भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी में सत्ता हासिल की है। 'आप' की जीत के आंकड़ों का जिक्र करते हुए पत्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि यह फैसला नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए पहला बड़ा झटका है। गार्जियन ने भी 'आप' की जीत के बाद मोदी द्वारा किए गए ट्वीट को अपनी रिपोर्ट में लगाया है। इसके साथ ही रिपोर्ट में भारतीय राजनीति में बदलाव के लिए केजरीवाल द्वारा किए गए दावों का भी जिक्र है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि भ्रष्टाचार से लड़ने की शपथ लेने वाली पार्टी ने भारत की राजधानी में जीत हासिल की। जर्नल ने 'आप' की जीत के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सबसे बड़ी राजनीतिक शर्मिंदगी बताया है। जर्नल ने लिखा है कि भारी बहुमत से जीत के बाद अरविंद केजरीवाल एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता से राजनेता बन गए हैं।
अगले पन्ने पर, क्या कहता है द इंडिपेंडेंट का ब्लॉग...
ब्रिटिश समाचार पत्र द इंडिपेंडेंट के ब्लॉग पर दिल्ली चुनाव को लेकर एक लेख प्रकाशित किया गया है। इसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने करियर की सबसे बड़ी राजनीतिक हार से जूझ रहे हैं। आम आदमी और 'आप' से उसे करारी हार का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली की जनता ने मोदी को छोड़कर केजरीवाल की ओर रुख कर लिया है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने इसे ‘नई भ्रष्टाचार विरोधी आम आदमी पार्टी’ के हाथों 'आश्चर्यजनक हार' करार दिया। अखबार ने लिखा है, ‘चुनाव को मुख्यत: मोदी के लिए राजनीतिक झटके के रूप में लिया जा रहा है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विधानसभा चुनावों में हार उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को पहला झटका है।’
अखबार लिखता है, ‘मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को भुनाते हुए हाल के महीने में भाजपा कई राज्यों में चुनाव जीती और मंगलवार को भी उन्हें सफलता दोहराने की उम्मीद थी जिसे मीडिया मोदी का ‘विजय रथ’ बता रहा था। लेकिन केजरीवाल के करिश्माई नेतृत्व के कारण दिल्ली भाजपा के लिए कड़ी लड़ाई साबित हुई।’
सीएनएन नेटवर्क ने मोदी पर तंज कसने के लिए आइजक न्यूटन के भौतिकी के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा, 'जो ऊपर जाता है उसे नीचे आना ही होता है।' चैनल ने कहा, ‘पिछले वर्ष मई में राष्ट्रीय चुनावों में व्यापक जनादेश हासिल करने के बाद से भारत में सत्तारूढ़ भाजपा को दिल्ली चुनावों में काफी बड़ा झटका लगा है।’
बीबीसी ने भी लिखा है कि ‘पिछले वर्ष पदभार ग्रहण करने से लेकर काफी लोकप्रिय रहे प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह बड़ा झटका है। उन्होंने कई राज्यों के चुनाव जीते और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और विश्व के नेताओं को लुभाया।’ लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने दिल्ली चुनावों में भाजपा की हार को ‘अपमानजनक हार’ करार दिया जिसमें कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिल सकी जबकि ‘गार्जियन’ ने इस अद्भुत परिणाम को ‘मोदी के लिए झटका’ बताया।