गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025
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Written By WD Feature Desk

About Indira Gandhi:भारतीय राजनीतिज्ञ और राजनेता इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि, जानें जीवन परिचय और उल्लेखनीय कार्य

Indira Gandhi death anniversary
Indira Gandhi death date: भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि हर साल 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। उनका नेतृत्व भारतीय राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण था, और उनकी नीतियां जैसे कि 'हरित क्रांति' और 'बैंक राष्ट्रीयकरण' ने भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को गहरे प्रभावित किया।
 
जीवन परिचय
पूरा नाम- इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू
जन्म- 19 नवंबर 1917, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), ब्रिटिश भारत
पिता- पंडित जवाहरलाल नेहरू (भारत के पहले प्रधानमंत्री)
माता- कमला नेहरू
शिक्षा- पुणे, शांति निकेतन (रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा दिया गया 'प्रियदर्शिनी' नाम), ऑक्सफोर्ड (इंग्लैंड)
विवाह- फिरोज गांधी (1942)
पद- भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री (1966-1977 और 1980-1984)
उपाधि- भारत की 'आयरन लेडी' (लौह महिला)
मृत्यु- 31 अक्टूबर 1984, नई दिल्ली (हत्या)
 
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर:
 
- इंदिरा गांधी का बचपन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के माहौल में बीता।
 
- मात्र 12 वर्ष की आयु में, उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए बच्चों का एक समूह 'वानर सेना' बनाया था।
 
- अपने पिता, पंडित नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल (1947-1964) में उन्होंने उनके निजी सचिव के रूप में कार्य किया।
 
- 1964 में, लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया।
 
- 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद, वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
 
- इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति की एक अत्यंत प्रभावशाली नेता थीं, जिन्होंने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 में उनकी हत्या तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 

* उल्लेखनीय कार्य और योगदान:
 
 इंदिरा गांधी का कार्यकाल साहसिक और कड़े फैसलों के लिए जाना जाता है, जिसने भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति की दिशा बदल दी।
 
1. बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (1971) और विदेश नीति: 
1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत को निर्णायक जीत दिलाई, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इस जीत के लिए उन्हें विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने 'दुर्गा' कहकर संबोधित किया था।
 
2. बैंकों का राष्ट्रीयकरण: उन्होंने 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे उद्योगों तक ऋण (Credit) की पहुंच सुनिश्चित करना और आर्थिक असमानता को कम करना था।
 
3. प्रिवी पर्स की समाप्ति: पूर्व रियासतों के शासकों को दी जाने वाली विशेष भत्ते और विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया। यह कदम समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम था।
 
4. हरित क्रांति: उनके शुरुआती कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति (Green Revolution) को बढ़ावा मिला, जिससे भारत अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सका।
 
5. गरीबी हटाओ का नारा: 1971 के आम चुनावों में उन्होंने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया, जिसने उन्हें देश के गरीब और ग्रामीण वर्गों के बीच अपार लोकप्रियता दिलाई।
 
6. आपातकाल: आंतरिक अशांति और राजनीतिक विरोध के चलते 1975 में उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा की, जो उनके कार्यकाल का सबसे विवादास्पद फैसला रहा। लेकिन वे भारतीय राजनीति की 'आयरन लेडी' के नाम से भी मशहूर है। 
 
निधन: उन्हें 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली में उनके आवास पर उनके ही अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। अत: 31 अक्टूबर को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं, और यह दिन उनके योगदान और नेतृत्व के बारे में याद करने का अवसर है। 

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