टीम इंडिया के ऐसे 5 खिलाड़ी जो बना सकते हैं भारत को वर्ल्ड चैम्पियन
विराट कोहली की अगुवाई में इस बार 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू होने वाले आईसीसी विश्व कप खेलने के लिए रवाना हो गई है। विश्व कप से पूर्व भारत 24 मई को अभ्यास मैच खेल चुका है जिसमें उसे करारी शिकस्त मिली है अब टीम इंडिया 28 मई को वह बांग्लादेश से खेलेगी।
भारतीय टीम ने वर्ष 1983 में कपिल देव की कप्तानी में और 2011 में धोनी की कप्तानी में विश्व कप जीता था। अगर इस बार भी टीम इंडिया को खिताब अपने नाम करना है तो उसे इन पांच खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
विराट कोहली-
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कोहली को इस बार हर मैच में अच्छा स्कोर करना पड़ेगा। वनडे में 40 शतक जड़ चुके कोहली का विश्वकप रिकॉर्ड भी अच्छा है।कुल 17 मैचों में उन्होंने 587 रन बनाए हैं। इसमें 2 शतक और 1 अर्धशतक शामिल है। भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि वह अपनी बल्लेबाजी से कई रिकॉर्ड तोड़े।
महेंद्र सिंह धोनी-
महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर और विकेटकीपर बल्लेबाज माना जाता है।माही बिना किसी हड़बड़ी के टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने की महारत से भारत अन्य टीमों को पीछे छोड़ देता है।
विकेट के पीछे भी वह अत्यंत तेज गति से स्टंपिग करते हैं। यही नहीं बीच बीच में वह गेंदबाज को सलाह देते हैं जिससे टीम को फायदा होता है। इस विश्वकप में फैंस बस विकेट के पीछे धोनी की उपस्थिती चाहेंगे।
जसप्रीत बुमराह-
जो काम विराट कोहली बल्ले के साथ करते हैं जसप्रीत बुमराह वही काम गेंद के साथ करते हैं। वनडे के नंबर 1 गेंदबाज बन चुके जसप्रीत बुमराह का यह पहला विश्वकप होगा।
जसप्रीत को खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए टेढी खीर है,चाहे वह शुरूआत में गेंदबाजी करे या आखिर में। बुमराह अब तक 49 वनडे में 85 विकेट ले चुके हैं।
टीम इंडिया उनसे इस बार भी कसी हुई गेंदबाजी की उम्मीद करती है।
हार्दिक पांड्या -
भारत के सबसे चर्चित ऑलराउंडरों में से एक हार्दिक पांड्या का खेल भारत को विश्वकप जिता भी सकता है और बाहर भी कर सकता है। 25 वर्षीय पांड्या भारत के लिए तीनों फार्मेट में खेलते हैं। 16 अक्टूबर 2016 को अपना वनडे पदार्पण करने वाले पांड्या ने अब तक 45 वनडे में 731 रन बनाने के अलावा 44 विकेट भी हासिल किए हैं। वह टीम के लिए तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की वही भूमिका निभा सकते हैं जो कपिल ने 1983 में निभाई थी।
कुलदीप यादव-
बाएं हाथ के स्पिनर जब क्रिकेट जगत में आए थे तब इन्हें पढ़ने में काफी मुश्किल हुई थी। हालांकि अब भी इनको खेलना मुश्किल है लेकिन अब विरोधी बल्लेबाज इनको खेलने के अभ्यस्त हो गए हैं। कुल 44 मैचों में 87 विकेट लेने वाले कुलदीप भी अपना पहला विश्वकप खेल रहे हैं। टीम इंडिया को इनसे बीच के ओवरों में विकेट ती दरकार रहेगी।