2003 विश्व कप का एकमात्र एक्टिव प्लेयर, जिसने अभी तक नहीं लिया संन्यास
विश्व क्रिकेट में 'दूसरा किंग' और 'टर्बनेटर' जैसे नामों से अपनी पहचान बनाने वाले हरभजन सिंह का आज 41वां जन्मदिन हैं। इस मौके पर सोशल मीडिया के जरिए फैंस व क्रिकेट बिरादरी भज्जी को बधाईयां देती नजर आ रही है। चारों तरफ उनके पुराने रिकॉर्ड्स को याद किया जा रहा है।
वाकई में जो योगदान हरभजन सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम को दिया वह सराहनीय है। ऑफ स्पिन के जादूगर भज्जी ने साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था और कई सालों तक अपने नाम का दबदबा बनाए रखा। 2000 के शुरुआती दौर में हरभजन सिंह के नाम का डंका बजता था, खासतौर पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी तो उनके नाम से थरथर कांपते थे।
2001 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हो या 2007 के टी20 वर्ल्ड कप से लेकर 2011 का विश्व कप... हरभजन सिंह कई यादगार जीतों में भारतीय टीम के नायक रहे। हरभजन ने 2003, 2007 और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप खेले, जबकि 2007, 2009, 2010, 2012 और 2014 के टी20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया के सदस्य रहे।
2003 के विश्व कप का एकमात्र एक्टिव भारतीय खिलाड़ी मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हरभजन सिंह मौजूदा समय में एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी है जिसने 2003 का वनडे वर्ल्ड कप खेला हो और अभी तक संन्यास न लिया हो। जी हां, हरभजन एकमात्र ऐसे भारतीय है जिन्होंने 2003 का विश्व कप भी खेला और मौजूदा समय में भी एक्टिव है।
कहने को भज्जी एक लंबे समय से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने संन्यास का ऐलान नहीं किया है। हरभजन ने साल 2015 में श्रीलंका के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट और इसी साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ अंतिम एकदिवसीय खेला था। वहीं 2016 टी20 एशिया कप में वह अंतिम बार राष्ट्रीय टीम के लिए टी20 मैच खेलते नजर आए थे।
फाइनल तक पहुंची थी भारतीय टीम 2003 का विश्व कप दक्षिण अफ्रीका के मैदानों पर खेला गया था और टीम इंडिया ने सौरव गांगुली की अगुवाई में फाइनल तक का सफर तय किया था। फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 125 रनों से मिली हार का सामना करना पड़ा था और टीम के खिताब जीतने का सपना टूट गया था। हालांकि, उस टूर्नामेंट में हरभजन ने कमाल का खेल दिखाया था। भज्जी ने 10 मैचों में 30.45 की औसत के साथ 11 विकेट हासिल किए थे।
2011 में पूरा हुआ सपना हरभजन 2003 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं बन सके, लेकिन 2011 में जब भारतीय टीम ने एमएस धोनी की कप्तानी में 28 सालों के बाद वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया था तब हरभजन भी टीम के अहम सदस्य थे। टर्बनेटर ने पूरे टूर्नामेंट में 9 मैचों में 9 विकेट अपनी झोली में डाले थे।
इतना ही नहीं 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भी भज्जी का पूरा जलवा देखने को मिला था और उनकी झोली में सात मैचों में 7 विकेट आए थे।
एकदिवसीय विश्व कप में हरभजन सिंह का प्रदर्शन :
साल |
मैच |
विकेट |
बेस्ट |
2003 |
10 |
11 |
2/28 |
2007 |
2 |
0 |
0/30 |
2011 |
9 |
9 |
3/53 |