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Influenza virus H3N2 देश में नया खतरा, डॉक्‍टरों ने कहा, जानलेवा नहीं, लेकिन सतर्कता जरूरी

नीति आयोग एक्‍शन मोड में, H3N2 Influenza virus को लेकर देशभर के राज्‍यों के स्‍वास्‍थ्‍य विभागों की बैठकों का दौर शुरू

Influenza virus H3N2 देश में नया खतरा, डॉक्‍टरों ने कहा, जानलेवा नहीं, लेकिन सतर्कता जरूरी - Influenza virus H3N2 new threat in the country, doctors said, not fatal
इंदौर, Influenza virus H3N2 देश में एक नया खतरा बनकर सामने आ रहा है। शुक्रवार को इस वायरस से देश में दो लोगों की मौत हो गई। इसके बाद अब आईसीएमआर ने भी इसे लेकर एडवायजरी जारी की है। शनिवार को नीति आयोग ने Influenza virus H3N2 को लेकर देश के सभी राज्‍यों के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बैठक बुलाई है। इसके पहले AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसे लेकर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की थी। लेकिन खतरे वाली बात यह है कि यह कोरोना के पैटर्न में फैल रहा है।

हालांकि डॉक्‍टर Influenza virus H3N2 को उतना घातक नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह नॉर्मल फ्लू की तरह ही है, जहां तक घातक या जानलेवा होने का सवाल है तो उसके लिए हेल्‍थ के दूसरे रिस्‍क फैक्‍टर्स हो सकते हैं। वेबदुनिया ने विशेषज्ञ डॉक्‍टरों से चर्चा की और जाना कि आखिर क्‍या है Influenza virus H3N2 और क्‍या है लक्षण और कैसे किया जाए बचाव।
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कॉमन फ्लू है, सपोर्टिव दवाइयों से हो रहा ठीक
बॉम्‍बे अस्‍पताल में कन्‍सलटेंट फिजिशियन डॉ मनीष जैन ने वेबदुनिया को चर्चा में बताया कि यह सही है कि अस्‍पतालों में फ्लू के मरीजों की संख्‍या सामान्‍य से ज्‍यादा हो गई है। मरीजों में सर्दी-खांसी, बुखार, नाक बहना और उल्‍टी-दस्‍त के लक्षण हैं। हालांकि लोग ठीक हो रहे हैं। हां, खांसी लंबे समय से नहीं जा रही है। उन्‍होंने बताया कि हजारों में कोई एक गंभीर केस आता है, इसलिए ये नहीं माना जाना चाहिए कि यह सबके लिए जानलेवा या घातक है। यह कॉमन फ्लू है और सपोर्टिव दवाइयों से ठीक हो रहा है। चूंकि संक्रामक है, इसलिए मास्‍क लगाना और सोशल डिस्‍टेंस जरूरी है। अगर घर में किसी एक को हो जाए तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए।
Influenza virus
कई सालों से रहा है फ्लू
डॉ मनीष जैन ने बताया कि फ्लू कई सालों से रहा है। वो अलग- अलग रूप में सामने आता है। चाहे वो कोरोना हो या स्‍वाइन फ्लू हो। सबके लक्षण भी सामान्‍य तौर पर एक जैसे होते हैं। जहां तक इसमें रिस्‍क का सवाल है तो अगर कोई दूसरी बीमारी है तो कोई भी फ्लू कॉम्‍लेक्‍स बन सकता है। इसके साथ ही इलाज के अभाव में अगर शरीर के किसी अंग जैसे लंग्‍स में, ब्रेन आदि में चला जाए तो खतरनाक हो सकता है। दूसरा यह मरीज की इम्‍यूनिटी पर भी निर्भर करता है।

प्राकृतिक नहीं है यह सब
नए- नए वायरस के सामने आने को लेकर होल्‍कर साइंस कॉलेज इंदौर के पूर्व प्राचार्य और प्रोफेसर राम श्रीवास्‍तव का नजरिया कुछ अलग है। उन्‍होंने वेबदुनिया को चर्चा में बताया कि कुछ दिनों पहले चीन के गुब्‍बारे आकाश में मंडराते दिखे थे। इसके पहले कोरोना और अब ये H3N2 वायरस। क्‍या यह सब प्राकृतिक है। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि उन बेलून में वायरस भी हो सकता है। इसलिए उन्‍हें मारकर गिराना नहीं चाहिए, बल्‍कि उनकी जांच की जाना चाहिए। ये तो किसी से नहीं छुपा है कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला था। ठीक इसी तरह से अब H3N2 वायरस आ गया है, हर आदमी को सर्दी-खांसी और बुखार हो रहा है, क्‍या यह प्राकृतिक है। मुझे तो कहीं न कहीं ये अंतरराष्‍ट्रीय साजिश लगती है और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ही इसकी जांच करवाई जाना चाहिए

चीन में लॉकडाउन की तैयारी
चीन के शांक्सी प्रांत के शीआन शहर में सामान्य फ्लू के मामले तेजी से बढ़े। स्थानीय प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू करने पर विचार कर रहा है। इस फैसले से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में फ्लू भी दुनिया के लिए एक चुनौती बन सकता है।

किसे और क्‍यों है खतरा?
इस वायरस के मामलों में बुखार, गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के रोगी सामने आ रहे हैं। ऐसे में गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोग एहतियात के तौर पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं। इसके अलावा फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। इससे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है।

क्या है H3N2 वायरस?
H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस से संबंधी वायरल इन्फेक्शन है, जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है, जिसकी खोज 1968 में हुई थी। रोग नियंत्रण केंद्र (CDC)और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, H3N2 इन्फ्लूएंजा पक्षियों और दूसरे जानवरों से म्यूटेट होकर इंसानों में फैलता है। WHO के मुताबिक मनुष्यों में एवियन, स्वाइन और अन्य जूनोटिक इन्फ्लुएंजा संक्रमण से सांस लेने में तकलीफ होना, ऑक्सीजन लेवल 93 से कम होना, छाती और पेट में दर्द और दबाब महसूस होना, बहुत ज्यादा उल्टी, मरीज के कंफ्यूज रहने या भ्रमित रहने और बुखार-खांसी रिपीट होना इसके लक्षण हैं।

Influenza virus H3N2: क्‍या हैं लक्षण?
इन्फ्लूएंजा के मामलों में बुखार के साथ गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने जैसे लक्षण दिखते हैं। यह वायरस म्यूटेट हो चुका है और लोगों में इसके प्रति इम्यूनिटी भी कम हुई है, यही वजह है कि यह तेजी से फैल रहा है। कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण भी नजर आए हैं।

Influenza virus H3N2: कैसे फैलता है?
दरअसल कुछ साल पहले H1N1 वायरस की वजह से महामारी शुरू हुई थी। H3N2 उसी वायरस का नया स्ट्रेन है, इसलिए यह एक आम इन्फ्लूएंजा का स्ट्रेन है। फिलहाल यह इसलिए फैल रहा है क्‍योंकि वायरस म्यूटेट हुआ है। इसके साथ ही लोगों में इस नए स्ट्रेन के को लेकर इम्यूनिटी कुछ कम है।

Influenza virus H3N2: कैसे करें बचाव?
डॉक्‍टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस के केस दो वजहों से बढ़ रहे हैं। पहला मौसम में लगातार बदलाव होना। मसलन, कभी ठंडा तो कभी गर्म। इस वजह से इन्फ्लूएंजा का खतरा बढ़ता है और दूसरा कोविड के बाद से लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया है। ऐसे में वायरस से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर पहनना चाहिए और सोशल डिस्‍टेंस बनाएं रखें। जबकि बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।
H3N2
क्या सावधानियां बरतनी हैं?
  • ऑक्सीमीटर से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
  • ऑक्सीजन का स्‍तर 95 प्रतिशत से कम है, तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।
  • ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है, तो गहन देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
  • एक्सपर्ट ऐसे मामलों में खुद से दवा नहीं लेने की सलाह देते हैं।
  • खुद को हाइड्रेट रखें, लिक्विड पीते रहें।
  • बुखार, खांसी या सिरदर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • इन्फ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए फ्लू शॉट्स लें।
  • घर के बाहर मास्क लगाकर रखें, भीड़ वाली जगह से बचें।

क्‍या है ICMR की गाइडलाइन
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइन के मुताबिक
  • फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
  • हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें।
  • नाक और मुंह छून से बचें।
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें।
  • खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें।
  • बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें।
  • कोरोना के पैटर्न में फैल रहा Influenza virus H3N2
  • कमजोर इम्‍यूनिटी वालों को ज्‍यादा है फ्लू का खतरा, इम्‍यूनिटी डेवलेप करें। 
  • बुर्जुगों, गर्भवती महिलाएं, बच्‍चे और पहले से बीमार लोग रहे सतर्क।