Covid Vaccination रुकने से कई देशों में पोलियो का पुन: बढ़ा खतरा
सिएटल (अमेरिका)। कोविड-19 महामारी की शुरुआत में टीकाकरण अभियान रुकने के कारण इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और मोजाम्बिक जैसे देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से जुड़े एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। लंदन और कुछ महीने पहले न्यूयॉर्क में पोलियो का वायरस पाया गया। मोजाम्बिक में मई और इस साल फरवरी में मलावी में जंगली पोलियो वायरस का मामला सामने आया था।
फाउंडेशन की पोलियो टीम में प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और एनालिटिक्स के उपनिदेशक डॉ. आनंद शंकर बंदोपाध्याय ने कहा कि पोलियो वायरस का पता चलना यह भी याद दिलाता है कि अगर यह दुनिया में कहीं भी मौजूद है तो यह सभी के लिए अब भी खतरा बना हुआ है। लंदन के एक हिस्से में गंदे पानी में और कुछ महीने पहले न्यूयॉर्क में पोलियो का वायरस पाया गया। मोजाम्बिक में मई और इस साल फरवरी में मलावी में जंगली पोलियो वायरस का मामला सामने आया था।
बंदोपाध्याय ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि पोलियो का कोई भी मामला मिलना धीमी टीकाकरण दर का नतीजा है। जब 2020 में कोविड-19 महामारी फैली तो समुदायों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने के लिए 4 महीने पोलियो अभियान रोका गया था। इससे देशों में पोलियो वायरस फैल गया।
कोलकाता में 2005 में 'कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' से स्नातक करने वाले महामारी विज्ञानी बंदोपाध्याय ने कहा कि यह साफ है कि कोविड महामारी का दुनियाभर में टीकाकरण दरों पर नकारात्मक असर पड़ा। हालांकि गलत सूचना, टीकाकरण में आनाकानी और प्रत्येक समुदाय तक पोलियो की खुराक पिलाना जैसी अन्य चुनौतियां भी रही हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका तथा ब्रिटेन में पोलियो वायरस मिलना तथा मलावी और मोजाम्बिक में जंगली पोलियो वायरस फैलना यह याद दिलाते हैं कि अगर दुनिया में कहीं भी पोलियो मौजूद है तो वह हर जगह खतरा बना हुआ है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक एजेंसी 'वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल' (जीपीईआई) की वेबसाइट के अनुसार जंगली पोलियो वायरस का आखिरी मामला अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: 1979 और 1982 में आया था जबकि मलावी और मोजाम्बिक में यह आखिरी बार 1992 में सामने आया था। बंदोपाध्याय ने कहा कि पोलियोमुक्त देश, इस बीमारी के वैश्विक उन्मूलन तक पोलियो जोखिम मुक्त नहीं हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में प्राधिकारी उचित तरीके से निपट रहे हैं। उन्होंने जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू किया है और बीमारी पर नजर रखने की व्यवस्था को गति दी है।
बंदोपाध्याय ने पोलियो के खिलाफ भारत की सफलता को वैश्विक स्वास्थ्य की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया और कई लोगों को यह लगता था कि यह देश इस बीमारी को रोकने वाला आखिरी देश होगा, क्योंकि यह भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण देश है।
भारत के पोलियो उन्मूलन और खसरा निगरानी पहलों में योगदान दे चुके बंदोपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार को पोलियो के खिलाफ उच्च टीकाकरण दर बनाए रखनी चाहिए। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2014 में भारत के साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया के 10 अन्य देशों को पोलियोमुक्त घोषित किया था।
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)