67 साल की मां ने वैक्सीन की दोनों डोज लेने के चलते कोरोना के डेल्टा+वैरिएंट को हराया,वेबदुनिया से भोपाल की संक्रमित महिला के बेटे का दावा
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के चपेट में आए परिवार से वेबदुनिया की खास बातचीत
भोपाल। “मेरी 67 वर्षीय मां को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगे थे और इसी कारण उन्होंने कोरोना वायरस के खतरनाक डेल्टा प्लस वैरिएंट को हरा दिया"। ये कहना है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरियंट से पीड़ित रहने वाल बुजुर्ग महिला के बेटे गजेंद्र चौहान का।
वहीं वेबदुनिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट पर जीत हासिल करने वाले बुजुर्ग महिला कहती हैं कि “वह अब पूरी तरह स्वस्थ है और बहुत अच्छा महसूस कर रही है केवल थोड़ी कमजोरी है जो दिन प्रतिदिन ठीक होती जा रही है”।
राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की भ्रामक खबरें वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर डेल्टा प्लस वैरिएंट और उसके इलाज को लेकर भी कई तरह की गलत खबरें वायरल हो रही है।
ऐसे में वेबदुनिया ने एक जिम्मेदार मीडिया संस्था होने के नाते कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से जुड़ी तमाम खबरों की सच्चाई जानने के लिए पीड़ित महिला और परिवार से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
वेबदुनिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित हुई महिला के बेटे गजेंद्र चौहान कहते है कि उनको बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सोशल मीडिया के साथ मीडिया के एक धड़े ने भी बिना तथ्यों की जांच परख किए गलत रिपोर्टिंग की। बिना तथ्यों की जांच और वस्तुस्थिति की जानकारी के बिना हुई रिपोर्टिंग से पूरी राजधानी में एक डर का माहौल बना। इसका असर यह हुआ कि सोशल मीडिया पर भी गलत खबरें वायरल हुई और एक पैनिक माहौल बन गया।
वेबदुनियासे एक्सक्लूसिव बातचीत में गजेंद्र चौहान मां के कोरोना संक्रमित होने के पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बातते हुए कहते हैं कि उनकी 67 वर्षीय मां को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। इसके बाद जब बीते 23 मई को मां की तबियत खराब हुई तो उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया था और 24 मई को सुबह पांच बजे उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने अपने परिचित डॉक्टरों के देखरेख में घर पर ही मां का इलाज किया। इसके बाद कोविड सेंटर की ओर मिले डॉक्टर मिथिलेश से भी उनकी बात हुई।
फोन पर ही डॉक्टर को मां के सिमटम बताए जाते थे और डॉक्टरों की बताई हुई दवाओं से उन्होंने मां का इलाज शुरु किया। शुरुआत में हल्के लक्षण के बाद पॉजिटिव होने के पांच दिन बाद मां की रिपोर्ट में संक्रमण बढ़ा हुआ दिखाई दिया। रिपोर्टस को देखकर वह चितिंत तो हुए लेकिन उन्होंने अपने डॉक्टरों पर पूरा भरोसा था और वह डॉक्टरों के सलाह पर मां का घर पर इलाज करते है। घर पर करीब 15 दिन के इलाज के बाद मां की रिपोर्ट निगेटिव आई और वह अब पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रही है।
वेबदुनिया से बातचीत में गजेंद्र कहते हैं कि दो दिन पहले भोपाल सीएमएचओ कार्यालय से उनको फोन आया कि उनकी मां के लिए गए सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। फोन पर स्वास्थ्य विभाग ने मां की स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इसके साथ मां और परिवार के संपर्क में आए हुए लोगों के बारे में पूछा। स्वास्थ्य विभाग ने उन लोगों को सतर्कता बरतने को कहा है। गजेंद्र कहते हैं कि परिवार के सभी सदस्य पूरी तरह स्वस्थ है और मां निगेटिव होने के बाद अच्छा महसूस कर रही है।
एक्सपर्ट को भी वैक्सीन पर भरोसा-कोरोनावायरस के लगातार नए वैरिएंट आने और उस पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर वेबदुनिया ने देश के मशूहर महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से जब बात की थी तो उन्होंने साफ कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट लगातार आते रहेंगे लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी होगी वह बहुत हद तक संक्रमण से बचे रहेंगे और अगर उनको संक्रमण होता भी है तो वह घर पर रहकर ही ठीक हो जाएंगे। उन्होंने साफ कहा था कि भारत में मौजूद दोनों वैक्सीन कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट से महफूज करेगी।
वहीं बीएचयू के सांइटिस्ट और प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट से घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि देश में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान बड़े पैमाने पर जारी है और लोगों को वैक्सीनेटेड कर वायरस के म्यूटेशन को रोका जा सकता है। कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को रोकने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर है।