Ground Report : 'वेंटिलेटर' पर उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था, देहरादून में स्थिति विस्फोटक, ऑक्सीजन बेड की आस में उखड़ रही मरीजों की सांसें
देहरादून। राज्य सरकार कोरोनावायरस (Coronavirus) के इलाज को लेकर भले लाख दावे कर रही हो, पर हकीकत यह है कि मरीज बेड की तलाश में एक से दूसरे अस्पताल तक धक्के खा रहे हैं। राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और एक अदद बेड पाने की जद्दोजहद मरीजों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। पिछले
24 घंटों में उत्तराखंड में 128 लोगों ने सांस छोड़ दी तो इस दौरान 5403 नए लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर घातक बनती जा रही है।महामारी की मार यूं तो पूरा राज्य झेल रहा है लेकिन देहरादून में हालात विस्फोटक हो चुके हैं।पिछले एक माह में यहां 35 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्थिति यह है कि मरीज को भर्ती कराने के लिए स्वजन एक से दूसरे अस्पताल तक भटक रहे हैं। आईसीयू छोड़िए, ऑक्सीजन बेड के लिए भी मारामारी मची हुई है।
फिलहाल न तो सरकारी अस्पतालों में बेड खाली हैं और न निजी अस्पतालों में ही। मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में या अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर गंभीर हैं। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में बेड की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है, लेकिन यह बढ़ोतरी नाकाफी साबित हो रही है।
शुरुआत में अस्पताल में 380 बेड की व्यवस्था थी। इनमें 102 आइसीयू, 22 सामान्य और बाकी 256 ऑक्सीजन बेड थे। अब यहां 407 बेड हो गए हैं। इनमें 104 आइसीयू, 22 सामान्य और 281 ऑक्सीजन बेड हैं। हालांकि सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का दावा है कि प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडर 1193 मौजूद थे जबकि वर्तमान में सिलेंडर की संख्या 9917 पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि ये सभी सिलेंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स 275 थे जो 1 अप्रैल 2021 को 1275 हो गए और वर्तमान में 3275 हैं। 1 अप्रैल 2020 को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था जबकि 1 अप्रैल 2021 से मेला हॉस्पिटल हरिद्वार में था और वर्तमान में 6 जगह हो गया है।
जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, जिला अस्पताल रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है। इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता सृजित कर ली है, लेकिन आंकड़े केवल बताने के लिए ही हैं क्योंकि हालात इसके उलट है लोगों को अस्पताल में अदद बिस्तर के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं और हालात ये हैं कि कई बार लोग इस जद्दोजहद में अपनी जिंदगी भी हार रहे हैं। देहरादून के 55 इलाके इन दिनों कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं।
इसके अलावा विकास नगर में 7 ऋषिकेश में चार डोईवाला में दो कालसी में दो और त्यूनी में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। हरिद्वार में 7 नैनीताल में 43 पौड़ी में 14 उत्तरकाशी में 62 उधम सिंह नगर में 48 चंपावत में 19 चमोली में 7 टिहरी में 9 रुद्रप्रयाग में तीन पिथौरागढ़ में एक और अल्मोड़ा में दो कंटेनमेंट जोन बनाए हुए हैं यानी कुल मिलाकर प्रदेशभर में 282 कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि उत्तराखंड में कोरोना ने किस कदर कहर बरपा रहा है। रविवार को देहरादून जिले में 11 नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए।