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Last Modified: सोमवार, 29 नवंबर 2021 (09:39 IST)

कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट? WHO ने दी जानकारी, बताए बचाव के उपाय

कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट? WHO ने दी जानकारी, बताए बचाव के उपाय - Not yet clear if Omicron more transmissible or causes severe disease, says WHO
संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा। दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दहशत फैली हुई है। कई देशों में मामले सामने आने हैं पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नए वैरिएंट को लेकर बड़ा बयान दिया है।

WHO कहा कि अभी यह ‘स्पष्ट नहीं है’ कि क्या कोरोना वारयस का नया स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’डेल्टा स्वरूप समेत अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बीमारी का कारण है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमिक्रॉन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं।
उसने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लगेगा। डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की कि वे ओमिक्रॉन को लेकर चिंता के कारण दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाएं।

अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों का उपयोग करने से बचने के लिए विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान किया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध कोविड-19 के संक्रमण को थोड़ा कम करने में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के जीवन और आजीविका पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले सामने आने के बीच कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। बी.1.1.529 का पता लगने और उसकी संक्रामकता को लेकर चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और दुनियाभर के अनुसंधानकर्ता ओमिक्रॉन के कई पहलुओं को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं और वे इन अनुसंधानों के परिणाम सामने ने के बाद उन्हें साझा करेंगे। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को ‘चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है।

संगठन ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ओमीक्रोन डेल्टा स्वरूप की अपेक्षा अधिक संक्रामक है या नहीं। डब्ल्यूएचओ दक्षिण अफ्रीका में इस स्वरूप से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन यह समझने के लिए महामारी विज्ञान संबंधी अध्ययन चल रहे हैं कि क्या यह ओमिक्रॉन के कारण है या अन्य कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं।
संगठन ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ें बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन ‘इसका कारण ओमीक्रोन से संक्रमण के बजाए सभी स्वरूपों से संक्रमित लोगों की कुल संख्या में वृद्धि हो सकता है।’डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्रोस अदहानोम ग्रेबेयेसस ने कहा कि ओमीक्रोन टीकाकारण को लेकर अन्याय के खतरे को प्रतिबंबित करता है।

उन्होंने कहा कि हम टीकाकरण में समानता लाने में जितनी देरी करेंगे, हम कोविड-19 को उतना ही फैलने, उतने ही स्वरूप बदलने तथा और अधिक खतरनाक बनने की अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है ताकि ओमीक्रोन संक्रमण के प्रमुख पहलुओं और इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझा जा सके।
बताए बचने के उपाय : दुनिया के लिए अब तक सबसे खतरनाक माने जा रहे कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से भी संक्रामक ओमिक्रॉन की प्रकृति को जानने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना के इस खतरे से बचे रहने के लिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि फिलहाल मास्क ही कोरोना के इस खतरे से हमें सुरक्षित रख सकता है। सभी लोगों को कोविड से बचाव के उपायों को लगातार प्रयोग में लाते रहना चाहिए। 
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