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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 30 नवंबर 2021 (16:50 IST)

Omicron variant: भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट से नहीं आएगी कोरोना की नई लहर!

BHU में आनुवंशिकी (जैनेटिक्स) के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत

Omicron variant: भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट से नहीं आएगी कोरोना की नई लहर! - New wave of corona will not come from Omicron variant in India
दुनिया के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोना के खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी जताई जाने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में 32 से अधिक म्यूटेशन होकर अत्यधिक शक्तिशाली होना। जिससे यह लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। 

क्या ओमिक्रॉन वैरिएंट से देश में कोरोना की नई लहर आएगी? कोरोना का खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट क्या है? क्या ओमिक्रॉन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन का असर होगा? ये कुछ ऐसे सवाल है कि आज सबके मन में उठ रहे है। इन सवालों को लेकर ‘वेबदुनिया’ ने कोरोनावायरस पर लगातार स्टडी कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आनुवंशिकी (जैनेटिक्स) के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत की।

ओमिक्रॉन वैरिएंट से नई लहर आएगी?-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि इस बात की संभावना कम है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से भारत में कोरोना की कोई वैसी लहर आएगी जैसी डेल्टा वैरिएंट के चलते आई थी। 

भारत के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि भारत की एक बड़ी आबादी डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है। ICMR का एक सर्वे बताता है कि भारत में 70 फीसदी आबादी डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है। 

प्रोफेसर चौबे कहते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन है और इसमें वह भी म्यूटेशन शामिल है जो डेल्टा वैरिएंट के पास था। ऐसे में इस वायरस की एंटीजन बहुत कुछ डेल्टा वैरिएंट के सामान ही होगी। ऐसे में अगर हम डेल्टा वैरिएंट से प्रभावित हो चुके है और दोबारा यह वायरस हमारे शरीर में आया तो हमको पता लग जाएगा कि वायरस हमारे शरीर में एंट्री किया है और हमारा शरीर उसको तुरंत निष्क्रिय कर देगा।

ऐसे में यह देखा गया है कि वायरस से रिइंफेक्शन होता है वह अधिकतम 10 से 15 फीसदी लोगों में होता है। ऐसे में भारत की एक बड़ी आबादी में रिइंफेक्शन के चांस बहुत कम है।  भारत में डेल्टा वैरिएंट से जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई अब ओमिक्रॉन वैरिएंट में होगी।

ऐसे में अगर यह भी मान लिया जाए कि ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत में बहुत फैल भी गया तो मरने वालों की संख्या बहुत कम रहेगी और अभी इस वायरस को लेकर भारत को कोई बहुत बड़ा खतरा नहीं दिखाई दे रहा है। 

ओमिक्रॉन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन का असर होगा?- ओमिक्रॉन वैरिएंट वैक्सीन को पूरी तरह से नहीं मानेगा ऐसा कोई प्रमाण अब तक नहीं मिलेगा। प्रोफेसर चौबे कहते हैं कि डेल्टा वैरिएंट भी वैक्सीन लगे कुछ लोगों को संक्रमित कर रहा है। उसी तरह ओमिक्रॉन वैरिएंट भी वैक्सीन लगे कुछ लोगों को संक्रमित करेगा लेकिन सबको संक्रमित नहीं कर पाएगा। अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट नहीं आया है जो वैक्सीन को पूरी तरह से नहीं माने। 

क्या भारत में संक्रमण की चैन बनने का खतरा?- प्रो.ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि सीरो पॉजिटिविटी और वैक्सीनेशन के चलते हर शहर में 75 फीसदी से ज्यादा लोगों के पास एंटीबॉडी है। जोकि एक बड़ी संख्या है और यहीं 75 फीसदी एंटीबॉडी वायरस के संक्रमण की चैन को बनने नहीं देगा। अगर वायरस भारत में आ भी गया तो इसकी चैन डेवलप होने में काफी समय लगेगा। ऐसे लोग जिनको वैक्सीन लगे 180 दिन हो गए है उनको ओमिक्रॉन के साथ डेल्टा वैरिएंट भी प्रभावित कर सकता है।
 
ओमिक्रॉन वैरिएंट से दहशत क्यों?–ओमिक्रॉन वैरिएंट से दुनिया में दहशत फैलने के सवाल पर प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि अब तक कोरोना के जितने वायरस आए थे वह अफ्रीका में नहीं फैल पाए थे और अफ्रीका कोरोना से बहुत अधिक नहीं प्रभावित हो पाया था लेकिन अब ओमिक्रॉन वैरिएंट से अफ्रीका में चौथी लहर शुरु हो गई है। ओमिक्रॉन वैरिएंट अफ्रीका में बहुत तेजी से फैल रहा है और इसकी संक्रमित दर बहुत हाई है।
 
ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण की दर की गणना 2 है जो डेल्टा (1.64) से भी अधिक है। जिससे कारण वायरस को लेकर एक डर का माहौल है। हलांकि अब तक अफ्रीका से जो रिपोर्ट आ रही है वह बता रही है कि वायरस बहुत अधिक खतरनाक नहीं है और इससे प्रभावित होने वाले लोग हल्के लक्षणों के साथ 3-4 दिनों में ठीक हो जा रहे है।