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Last Modified: गुरुवार, 23 अप्रैल 2020 (19:16 IST)

Lockdown का असर, 30 दिनों में Corona संक्रमण की दर रही स्थिर

Lockdown का असर, 30 दिनों में Corona संक्रमण की दर रही स्थिर - lockdown Effect- Corona infection rate stabilized in 30 days
नई दिल्ली। कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) के दौरान संक्रमण फैलने की गति को स्थिर रखने में मिली कामयाबी को सरकार ने अहम उपलब्धि करार दिया। देश में लागू बंद को गुरुवार को 30 दिन पूरे हो गए।

कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा गठित वरिष्ठ अधिकारियों के समूह की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले एक महीने में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की गति और संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि की गति में निरंतर गिरावट आ रही है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि महामारी का प्रकोप बढ़ने की गति स्थिर बनी हुई है। 
 
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ पर अमल के बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया था। बाद में इसकी अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ाया गया है।
 
मिश्रा ने लॉकडाउन की अवधि में इस महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों और इनसे हुए लाभ का ब्योरा देते हुए बताया कि 23 मार्च तक किए गए कुल परीक्षण में 4.5 प्रतिशत संक्रमित मरीज थे और 22 अप्रैल को भी कुल परीक्षण में संक्रमित मरीजों की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत ही है।

उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देश में वायरस के संक्रमण की प्रसार दर स्थिर बनी है। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल तक देश में कोरोना वायरस के कुल 14915 परीक्षण किए गए थे, और 22 अप्रैल को यह संख्या 5 लाख को पार कर गई है।

मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद परीक्षण में 33 गुना और संक्रमित मरीजों की संख्या में 16 गुना की वृद्धि हुई है। 
 
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि अमेरिका, इटली, ब्रिटेन सहित अन्य विकसित देशों की तुलना में भारत में संक्रमण की वर्तमान स्थिति संतोषजनक है।

मिश्रा ने इसे लॉकडाउन के लिहाज से अहम उपलब्धि बताते हुए कहा कि इन 30 दिनों में हम वायरस को फैलने से रोकने और इसके संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने में कामयाब रहे।
 
मिश्रा ने कहा कि महामारी के बढ़ने के खतरे से निपटने के लिए पिछले एक महीने में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और इलाज की खोज सहित अन्य मोर्चों पर महत्वपूर्ण कार्य किए गए।

उन्होंने बताया कि इसके तहत पिछले एक महीने में कोविड-19 के लिए निर्धारित अस्पतालों की संख्या 3.5 गुना बढ़ी, जबकि पृथक बिस्तरों की संख्या में 3.6 गुना वृद्धि हुई है।
 
 इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1409 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमित मामलों की कुल संख्या 21,393 हो गई है। 
 
अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित 4257 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत भी बढ़कर अब 19.89 प्रतिशत हो गया है। 
 
संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सख्त कानूनी प्रावधानों वाला अध्यादेश जारी करने के लिए चिकित्सकों की ओर से सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

डॉ. गुलेरिया ने संक्रमण के लक्षण उभरने के बाद भी संक्रमण की जांच के लिए मरीजों के देर से अस्पताल पहुंचने पर चिंता व्यक्त करते हुए देशवासियों से संक्रमण से बचने और दूसरों को बचाने के लिए अस्पताल तक पहुंचने में तत्परता दिखाने का आह्वान किया।

इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि पिछले एक महीने में संक्रमण की पहचान के लिए देश में परीक्षण का दायरा तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि देश में सरकारी और निजी क्षेत्र की कुल 325 प्रयोगशालाएं कार्यरत है। (भाषा)
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