कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में भी होगा स्पूतनिक-V का ट्रॉयल
कानपुर। पूरा भारत जहां कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं भारत के साथ-साथ कई अन्य देश भी इस महामारी की बीमारी की दवा बनाने में जुटे हुए हैं। इसी के चलते पहले ही कानपुर शहर में स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का ट्रॉयल भी हो चुका है। लेकिन अब कानपुर को रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन के ट्रॉयल का मौका मिला है जिसके लिए मेडिकल कॉलेज कानपुर ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जानकार हो कि रूस की वैक्सीन के ट्रॉयल को लेकर देश में सिर्फ 12 सेंटरों को ही ट्रॉयल की अनुमति मिली है जिसमें कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज शामिल किया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को ट्रॉयल की अनुमति मिलने के बाद से ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने फेज थ्री के ट्रॉयल के लिए वालंटियर्स का पंजीयन भी शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ मेडिसिन विभागाध्यक्ष ने कॉलेज की एथिकल कमेटी से अनुमति की भी मांग की है।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की मानें तो रूस की वैक्सीन का ट्रॉयल नवंबर माह के पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है। इसी के साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की तरफ से एक सूचना भी जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन का खुद पर ट्रॉयल कराने के इच्छुक व्यक्ति जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग में संपर्क कर सकते हैं और बतौर वालंटियर्स नि:शुल्क पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए रिसर्च मोबाइल नंबर 80906-09630 और 87075-74418 से संपर्क भी किया जा सकता है।
रूस ने भारत की फार्मा कंपनी से मिलाया हाथ : कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर रूस ने अपने यहां तैयार स्पूतनिक-वी वैक्सीन के फेज थ्री के ट्रॉयल के लिए भारत में फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैब्स से हाथ मिलाया है। वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रॉयल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने अनुमति भी दे है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से भी सहमति मिल चुकी है। अब देशभर के 12 सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में एकसाथ वैक्सीन का ट्रॉयल शुरू होने जा रहा है।
क्या बोले डॉक्टर? : रूस की वैक्सीन के ट्रॉयल को लेकर डॉ. सौरभ अग्रवाल, चीफ गाइड (वैक्सीन ट्रॉयल) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने बताया कि देश के 12 सेंटरों पर एकसाथ ट्रॉयल शुरू होना है जिसमें फेज थ्री ट्रॉयल के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को भी शामिल किया गया है। इसको लेकर एथिकल कमेटी में अनुमति के लिए आवेदन किया है। जल्द ही अनुमति मिल जाएगी और नवंबर के पहले सप्ताह से ट्रॉयल शुरू होने की उम्मीद है।