नई दिल्ली, भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किये गए एक नये अध्ययन में हल्के और मध्यम COVID-19 रोगियों के उपचार में एंटीवायरल एजेंट के रूप में, एक गैर-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवा, इंडोमिथैसिन को प्रभावी पाया गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं द्वारा डिजाइन परीक्षण की मदद से यह अध्ययन अस्पताल में भर्ती हल्के और मध्यम COVID-19 रोगियों पर किया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इंडोमिथैसिन एक सस्ती दवा है और इस अध्ययन से इंडोमिथैसिन के उपयोग से हल्के COVID-19 संक्रमण के उपचार का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
यह अध्ययन हाल में शोध पत्रिका नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया है। पनीमलार मेडिकल कॉलेज ऐंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में यह अध्ययन आईआईटी मद्रास के सहायक संकाय सदस्य और एमआईओटी हॉस्पिटल्स में नेफ्रोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ राजन रविचंद्रन के नेतृत्व में किया गया है।
इस अध्ययन की अवधारणा और समन्वय आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर आर. कृष्ण कुमार द्वारा किया गया है।
इंडोमिथैसिन, अकेले अमेरिका में प्रति वर्ष 20 लाख से अधिक प्रिस्क्रिप्शन आधार के साथ, एक स्थापित दवा है, जिसका 1960 के दशक से विभिन्न प्रकार की सूजन से संबंधित इलाज के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
इस संबंध में, आईआईटी मद्रास द्वारा जारी वक्तव्य में बताया गया है कि भारतीय शोधकर्ताओं ने सबसे पहले इंडोमिथैसिन की प्रभावकारिता को यादृच्छिक चिकित्सीय परीक्षण के माध्यम से दिखाया है, हालांकि इस पर वैज्ञानिक शोध इतालवी और अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। यह अध्ययन आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र और एक्सिलर वेंचर्स के अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन के अनुदान पर आधारित है।
डॉ. राजन रविचंद्रन कहते हैं, "यह जानते हुए कि COVID संक्रमण के घातक प्रभावों में इन्फ्लेमेशन और साइटोकिन स्ट्रोम शामिल हैं, हमने गैर-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवा, इंडोमिथैसिन का अध्ययन करने का फैसला किया। हमने पाया कि वैज्ञानिक साक्ष्य कोरोना वायरस के खिलाफ एंटी-वायरल गतिविधि को दृढ़ता से दर्शाते हैं। इंडोमिथैसिन एक सुरक्षित और अच्छी तरह से समझी जाने वाली दवा है। मैं पिछले तीस सालों से इसे अपने पेशे में उपयोग कर रहा हूं।"
प्रोफेसर आर. कृष्ण कुमार बताते हैं, “अस्पताल में भर्ती कुल 210 मरीजों में से 107 मरीजों को यादृच्छिक रूप से चुना गया था, जिनका पैरासिटामोल एवं उपचार की मानक देखभाल के साथ इलाज किया गया। अन्य 103 रोगियों को उपचार की मानक देखभाल के साथ इंडोमिथैसिन दवा दी गई। ऑक्सीजन संतृप्ति के साथ खांसी, सर्दी, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों को देखने के लिए रोगियों की हर दिन निगरानी की जाती थी।”
इंडोमिथैसिन प्राप्त करने वाले 103 रोगियों में से किसी में भी ऑक्सीजन डिसेचुरेशन नहीं देखा गया।
दूसरे समूह के 107 में से 20 रोगियों में ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर 93% से कम पाया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इंडोमिथैसिन समूह के मरीज तीन से चार दिनों में ठीक हो गए। जबकि, दूसरे समूह को दोगुना समय लगा।
लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट में कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं देखी गई है। चौदहवें दिन के फॉलो-अप से पता चला कि नियंत्रण समूह के लगभग आधे रोगियों को कई असुविधाएं थीं, जबकि कुछ इंडोमेथैसिन रोगियों ने केवल थकान की शिकायत की थी।
(इंडिया साइंस वायर)