चीन में कोरोना विस्फोट से भारत को कितना खतरा, आखिर चीन में क्यों बढ़ रहे कोरोना के मामले?
दुनिया को कोरोना का दंश देने वाला चीन एक बार फिर कोरोना को लेकर दुनिया को डरा रहा है। कोरोना वायरस की दहशत से चीन डरा और सहमा हुआ है। कोरोना महामारी ने चीन की राजधानी बीजिंग और उसके दूसरे सबसे बड़े शहर शंघाई को बुरी तरह अपने चपेट में ले लिया है। कोरोना संक्रमण के बेकाबू होने के बाद सरकार ने सख्त प्रतिबंधों का एलान कर दिया है। चीन में कोरोना विस्फोट का असर क्या आने वाले समय में भारत पर भी होगा इस पर चर्चा अब जोर पकड़ ली है। चर्चित मुद्दे में बात करेंगे कि आखिर चीन में कोरोना के केस क्यों बढ़ रहे है और क्या उसका असर भारत पर भी होगा।
चीन में बढ़ते संक्रमण से भारत को कितना खतरा?- चीन में कोरोना के आउट ऑफ कंट्रोल होने से क्या भारत जैसे पड़ोसी देशों पर कोई नया खतरा मंडरा रहा है,इस सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि चीन में कोरोना का जो आउटब्रेक देखने को मिल रहा है उसमें सबसे बड़ा डर इस बात कहा है कि अगर बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमित होते है तो वह एक चिंता का कारण बन सकता है। इसकी बड़ी वजह है कि जितने ज्यादा लोगों में संक्रमण होता है उतना ही ज्यादा नया वैरिएंट के पैदा होने का डर बढ़ जाता है। ऐसे में इस बात पर नजर रखनी होगी कि चीन कोरोना ऑउटब्रेक पर कंट्रोल कर पाता है या नहीं है। अगर में चीन में स्थितियां बिगड़ती है और बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित होते है तो नए वैरिएंट से कोरोना की नई लहर का खतरा उतना ही अधिक होगा।
चीन में कोरोना विस्फोट क्यों?- एम्स दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर सरमन सिंह से कहते हैं कि चीन में कोरोना के केस बढ़ने का प्रमुख कारण वहां लोगों में अब तक नेचुरल इंफेक्शन नहीं होना है। इसके साथ चीन में एक बड़ी आबादी को वैक्सीन की तीसरी डोज भी नहीं दी गई है। इस कारण वहां तेजी से केस बढ़ रहे है और स्थिति बिगड़ रही है। वहीं भारत में कोरोना की तीसरी लहर में बड़ी आबादी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो चुकी है चाहें वह वैक्सीनेटड थी या नहीं।
प्रोफेसर सरमन सिंह आगे कहते हैं कि जहां तक चौथी लहर की बात है तो वह तो भारत में आ ही चुकी है, अब यह देखना होगा कि चौथी लहर का पीक क्या होगा। दिल्ली और महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना के केस बढ़ रहे है उससे इन शहरों से संक्रमण अन्य शहरों तक पहुंचा रहा है और चौथी लहर का दायरा भी बढ़ रहा है। बातचीत में प्रोफेसर सरमन सिंह कहते हैं कि चौथी लहर को लेकर पैनिक नहीं होने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना की चौथी लहर में इंफेक्शन माइल्ड रहेगा लेकिन हम सभी को मास्क के साथ कोरोना एप्रोप्रियट व्यवहार का पालन करना होगा।
चौथी लहर में सबसे बड़ा खतरा- कोरोना की चौथी लहर को लेकर सवाल पर बनारस हिंदू यूनिर्विसटी के साइंटिस्ट प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि चौथी लहर में चिंता का सबसे बड़ा कारण देश में कोरोना वायरस के खिलाफ बनी हाइब्रिड इम्युनिटी का तेजी से खत्म होना है। कोरोना वायरस से बचाने के लिए जो हाइब्रिड इम्युनिटी की दीवार थी वह अब तेजी से दरक रही है।
वह कहते हैं कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद लगभग 55% लोगों के पास हाइब्रिड इम्यूनिटी थी जो तीसरी लहर के बाद बढ़कर 70% हो चुकी थी। लेकिन उसके तीन महीने बाद किए गए ताज़ा सर्वे में यह घटकर मात्र 17% लोगों के पास रह गयी। प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि सीरो सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि 30% लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है और आने वाले एक-दो महीने में शेष 46% लोगों में एंटीबॉडी खत्म होने के आसार है।