बंगाल में कोरोना विस्फोट, एक्सपर्ट ने उठाया गंगासागर मेले पर सवाल
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शनिवार को कोविड-19 के 18,802 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 17,30,759 हो गई है। इस बीच शनिवार से शुरू हुए गंगासागर मेले में कोरोना की एंट्री हो गई है। इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
वरिष्ठ महामारी विज्ञानी एवं पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्विवद्यालय के प्रोफेसर नरेश पुरोहित ने कहा है कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर के बीच गंगासागर मेले से इसके संक्रमण के मामले बेतहाशा बढ़ने के साथ यहां लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
प्रो. पुरोहित ने कहा कि सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में अनियमित सभाएं कोविड -19 मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से हैं। वहीं हाल ही में संपन्न कोलकाता नगर निगम चुनाव, क्रिसमस और नए साल के जश्न का आयोजन संक्रमणों के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि का प्रमुख कारण है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता की स्थिति बहुत चिंताजनक है। हमारे पास जिस तरह का स्वास्थ्य ढांचा है वह पर्याप्त नहीं है। राज्य में 1,000 से अधिक डॉक्टरों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं कि महानगर के शहरी इलाकों के अधिक प्रभावित होने की संभावना है और अब प्रशासन गंगासागर मेले में व्यस्त है। यदि नियमित परीक्षण किया जाये तो निश्चित रूप से प्रतिदिन एक लाख के पॉजिटिव मामले सामने आयेंगे। उन्होंने चिंता जतायी कि कोरोना वायरस से डॉक्टरों और नर्सोँ के संक्रमित होने से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी।
उन्होंने कहा कि क्वारंटीन अवधि 10 दिन पहले से घटाकर 7 दिन कर दी गई है जिससे लगता है कि प्रशासन भी चाहता है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता जल्द से जल्द काम पर लौट आएं।
चुनाव आयोग सख्त : पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने राज्य में चार नगर निगमों में होने वाले चुनाव के लिए दलों और उनके उम्मीदवारों से कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने और संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भीड़ नहीं एकत्र करने को कहा है।
एसईसी के एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म या सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं। सईसी ने सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से अनुपालन करने की बात दोहराई है। उल्लंघन के किसी भी मामले में उम्मीदवारों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी।