इंदौर में वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाने पर संस्थान सील करने के साथ होगी FIR
ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार का अब पूरा जोर वैक्सीनेशन पर है। सरकार ने दिसंबर के अंत तक प्रदेश में 18 वर्ष से उपर के लोगों को पूर्ण वैक्सीनेशन का टारगेट रखा है। सरकार के इस टारगेट को पूरा करने के लिए इंदौर कलेक्टर ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक ऐसे संस्थान जिनके कर्मचारी एवं कामगारों आदि को कोरोना के टीके का दूसरा डोज नहीं लगा है, उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जहां एक ओर उनके संस्थान को सील किया जायेगा, वहीं दूसरी ओर उनके विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इंदौर कलेक्टर ने सभी व्यावसायिक संस्थानों के प्रबंधकों को निर्देश दिये हैं कि अनिवार्य रूप से अपने सभी कर्मचारियों का टीकाकरण पूर्ण करवा लें। अगर एक भी कर्मचारी बगैर टीकाकृत मिलता है तो उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जिस दर से देश में बढ़ रही है, वह चिंताजनक है। ऐसे समय में सावधानी एवं सतर्कता रखने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचने के लिये टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। दूसरा डोज लग जाने से संक्रमण का प्रभाव कम होगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिये लगातार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे स्वयं तो टीका लगवायें ही, साथ ही दूसरों को भी टीका लगावाने के लिये प्रेरित करें।
क्या बोले प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा?-इंदौर कलेक्टर के वैक्सीनेशन नहीं होने पर FIR दर्ज करने के सवाल पर गृहमंत्री और इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इंदौर कलेक्टर ने महामारी रोग एक्ट (Epidemic disease act) के तहत कार्रवाई की जाती है। जहां तक इंदौर कलेक्टर के FIR दर्ज कराने का आदेश है तो यह स्थानीय कलेक्टर के द्धारा प्रेरिक करने के शब्द प्रतीत होते है। लोगों का जीवन और स्वास्थ्य हमारी प्रथामिकता है और लोगों पर वैक्सीने के लिए मानसिक दबाव बनाने के लिए यह आदेश दिया होगा।