पिंक सिटी के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर कोरोना (Corona) संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते देश के उन प्रमुख शहरों में शामिल है, जहां संक्रमित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। शनिवार को 15 पॉजिटिव केस सामने आए। इन्हें मिलाकर शहर में संक्रमितों की संख्या 792 हो गई है।
शहर में हॉटस्पॉट के रूप में उभरे रामगंज के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी कोरोना पेशेंट सामने आए हैं। अत: संक्रमितों का बढ़ता दायरा शासन-प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार जयपुर में लॉकडाउन से लेकर अब तक रामगंज, पुरानी बस्ती, माणक चौक, घाट गेट, ब्रम्हपुरी, गंगापोल, जौहरी बाजार, फूटा खुर्रा, सुभाष चौक, भट्टा बस्ती, शास्त्रीनगर, एमडी रोड, राजापार्क, खो-नागोरियान, मुरलीपुरा स्कीम, सी-स्कीम, संजय नगर, अजमेर रोड, ईदगाह, झोटवाड़ा, सांगानेर, सेठी कॉलोनी, सिंधी कैंप, मानसरोवर, महेश नगर, बनीपार्क, आमेर, रामगढ़ मोड़, एसएमएस, सोढ़ाला, विद्याधर नगर, हसनपुरा, आदर्शनगर, रामनगरिया जगतपुरा, वैशाली नगर, महिला अस्पताल सांगानेरी गेट, मीणापालड़ी आगरा रोड, पीली की तलाई आदि स्थानों पर कोरोना अपने पांव पसार चुका है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जयपुर में कुल 792 लोग पॉजिटिव पाए गए। इनमें से 19 की मौत हो चुकी है। 133 रिकवर हुए हैं, जबकि 52 को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
वहीं, लॉकडाउन के चलते चलते मंदिरों के पट बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। सभी जयपुर वासी अपने-अपने घरों में ही पूजा अर्चना कर रहे है। दूसरी ओर, जयपुर में कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की महिला विंग 'निर्भया स्क्वाड' की ओर से जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें महिला जूलो टीम की ओर से शहर की प्रमुख सड़कों पर मोटर साइकिल मार्च निकाला गया। इस दौरान कई स्थानों पर महिला पुलिसकर्मियों का लोगों ने स्वागत किया।
घातक पतंगबाजी : प्रशासन, पुलिसकर्मी, चिकित्साकर्मी एवं पत्रकार अपने-अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण को जयपुर से दूर करने के लिए एवं कोरोना को हराने के लिए रात-दिन एक कर रहे हैं। दूसरी ओर, जयपुर में पतंग उड़ने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जयपुर के विभिन्न इलाकों में तो कर्फयू लगा हुआ है, लेकिन जयपुरवासी अभी भी पतंग उड़ा रहे हैं।
दरअसल, लॉकडाउन से हम सोशल डिस्टेंसिंग को एक विशेष क्षेत्र में तो रोक सकते हैं, लेकिन पतंग कटकर जितनी दूर जाएगी, वहां तक संक्रमण पहुंचने का खतरा है। यदि कोरोना वायरस की कोई ड्रापलेट पतंग, मांझे या डोर पर है तो आसमान में उपस्थित नमी एवं हवा की नमी के चलते एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसफर होने की पूरी आशंका रहती है।
पतंग को उड़ाते हैं तो हथेलियां भी पसीने के कारण नम हो जाती हैं, जिससे मांझे एवं पतंग पर कोरोना वायरस की ड्रापलेट के मानव शरीर में आने की प्रबलता ओर बढ़ जाती है। इसी के मद्देनजर प्रशासन ने पतंग उड़ाने वालों पर कड़ी नजर रखना आरंभ कर दिया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जो भी पतंग उड़ाता पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वेबदुनिया ने कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही पतंग से कोरोना फैलने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।