घर पहुंचने से पहले साढ़े 4 साल के प्रवासी बच्चे की मौत
मुजफ्फरपुर। एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बिहार में मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने पर एक प्रवासी मजदूर के बच्चे की मृत्यु हो गई। मृतक के पिता मकसूद आलम उर्फ मोहम्मद पिंटू दिल्ली में रहकर घर की रंगाई-पोताई करते थे और लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो जाने और आर्थिक तंगी के कारण पत्नी जेबा के साथ सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मुजफ्फरपुर ईद के ही दिन पहुंचे थे।
पश्चिमी चंपारण जिला निवासी मकसूद ने आरोप लगाया कि अत्यधिक गर्मी के कारण उनका बच्चा बीमार पड़ गया। जब तक ट्रेन मुजफ्फरपुर पहुंचती, उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। उन्होंने अपने बेटे के लिए कुछ दूध तलाशने का हरसंभव प्रयास किया।
दुखी पिता ने कहा, हमने सोचा था कि ईद पर घर पहुंचने की संभावना हमारे लिए अच्छा शगुन है। कौन जानता था कि हमारे साथ कुछ और होना था।
वहीं राजकीय रेल पुलिस उपाधीक्षक रमाकांत उपाध्याय ने मकसूद के आरोप से इंकार करते हुए कहा, उक्त परिवार दानापुर जाने वाली एक ट्रेन में चढ़ गया और उनका लड़का पहले से ही अस्वस्थ था। ट्रेन में सवार होने के बाद वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गया था।
दानापुर से वे सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन में सवार हुए थे, जिसका पड़ाव मुज़फ़्फ़रपुर जंक्शन पर भी है। यहां ट्रेन के रुकने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पश्चिम चंपारण की उनकी यात्रा के लिए व्यवस्था की गई थी, इसके अलावा अनुग्रह राशि का भी भुगतान किया गया था। सोमवार को ही प्रवासी मजदूरों को लेकर मुजफ्फरपुर पहुंची एक अन्य ट्रेन में एक महिला की स्टेशन पहुंचने से कुछ समय पहले मौत हो गई।
कटिहार जिला निवासी और दो बच्चों की मां तथा मानसिक तौर पर विक्षिप्त अरविना खातुन (35) गुजरात में अपनी बहन और बहनोई के साथ रहती थी और श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बीमार पड़ गई थी।
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर सोमवार दोपहर उसकी मौत हो गई और उसके परिजनों द्वारा सहयात्रियों की मदद से उसका शव नीचे उतारा गया था। इसका सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ है। महिला का शव वाहन के इंतजाम में मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पड़ा था। शव पर डाले गए कपड़े पर उसकी एक साल की बेटी दिख रही है।
उपाध्याय ने कहा कि महिला के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने और अन्य औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद उसे कटिहार स्थित उसके घर भेज दिया गया।(भाषा)