सोमवार, 23 दिसंबर 2024
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इन देशों में नहीं मनाया जाता है ईसाइयों का पर्व क्रिसमस

इन देशों में नहीं मनाया जाता है ईसाइयों का पर्व क्रिसमस - Christmas is not celebrated in these countries
दुनिया के हर कोने में ईसाई और मुस्लिम धर्म के लोग रहते हैं। मान्यता के अनुसार 25 दिसंबर को ईसा मसीह यानी जीसस का जन्म हुआ था लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्म मार्च की किसी तारीख को हुआ था। 25 दिसंबर को विश्‍वभर में क्रिसमय का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन 5 देश ऐसे हैं जहां पर क्रिसमस नहीं मनाया जाता है।
 
दुनिया के करीब 43 देश ऐसे हैं जहां पर क्रिसमस कोई खास त्योहार नहीं है। इसमें से अधिकतर मुस्लिम देश है। 18 देश ऐसे हैं जहां के लोग क्रिसमस किसी तरह नहीं मनाते हैं। अल्जीरिया, अफगानिस्तान, ब्रूनेई, सहरावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, सऊदी अरब, सोमालिया, लीबिया, मॉरिटानिया और यमन में क्रिसमस नहीं मनाया जाता क्योंकि यहां कि आबादी मुस्लिम है और ईसाईयों के कोई अधिकार नहीं है।
 
इसके अलावा भूटान एक बौद्ध राष्‍ट्र है जहां पर 1 प्रतिशत ईसाई रहते हैं। मंगोलिया भी एक बौद्ध राष्ट्र है जहां क्रिसमस नहीं मनाया जाता। हालांकि यहां पर ईसाई आबादी है। सेक्युलर देश ताजिकिस्तान में क्रिसमस पर प्रतिबंध है। उज़बेकिस्तान में ईसाई है लेकिन वे क्रिसमस नहीं मनाते हैं, लेकिन यहां नववर्ष में क्रिसमस मनाते हैं। चीन में भी क्रिसमस नहीं के बराबर ही मनाया जाता है। चीन के कब्जे वाले हांगकांग में क्रिसमय जरूर मनाते हैं। कम्युनिष्ट देश उत्तर कोरिया में क्रिसमस प्रतिबंधित है। 
मिस्र, अल्जीरिया, चाड, कोंगो, एरिट्रिया, लीबिया, माली, मॉरिटैनिया, मोरक्को, सेनेगल, सोमालिया, सूडान और ट्यूनीशिया। अज़रबैजान, बहरीन, कज़ाकस्तान, कुवैत, ओमान, इज़रायल, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, सउदी अरब, तुर्कमेनिस्तान, तुर्की, यूएई, उज़बेकिस्तान, यमन, कतर, इराक, भूटान, कंबोडिया, चीन, जापान, लाओस, मंगोलिया, नेपाल, थाईलैंड, मालदीव, वियतनाम, उत्तर कोरिया आदि देशों में या तो क्रिसमस नहीं मनाया जाता या फिर वहां के ईसाई क्रिसमय मनाने में खुद को असहज या फिर खतरे में महसूस करते हैं।
 
15 देशों में 7 जनवरी को मनाया जाएगा क्रिसमस : रूस, इजराइल, मिस्र, यूक्रेन, बु्ल्गारिया, माल्डोवा, मैक्डोनिया, इथियोपिया, जॉर्जिया, ग्रीस, रोमानिया, सर्बिया, बेलारूस, मोंटेनेग्रो, कजाखस्तान। दरअसल ग्रेगोरियन और जूलियन कैंलेडर में अंतर होने के कारण ऐसा है। ये लोग जूलियन कैलेंडर को फॉलो करते हैं।