'अब जीने की कोई वजह नहीं', जिया खान ने सुसाइड नोट में बयां किया था अपना दर्द
जिया खान ने जून 2013 में आत्महत्या कर ली थी
जिया ने सुसाइड नोट लिखकर बयां किया था अपना दर्द
सूरज पंचोली पर लगाया था धोखा देने का आरोप
Jiah Khan Suicide Case : बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान ने महज 25 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। जिया ने मुंबई स्थित अपने घर में 3 जून 2013 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक्ट्रेस की मां की शिकायत के बाद जिया के बॉयफ्रेड सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया था। सूरज पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था।
जिया खान की मौत के बाद पुलिस ने 6 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद किया था। इस सुसाइड नोट में जिया ने सूरज पंचोली का जिक्र किया था। एक्ट्रेस ने अपना दर्द भी इस नोट में बयां किया था। आइए जानते हैं जिया खान ने अपने सुसाइड नोट में क्या लिखा था।
एक्ट्रेस ने लिखा था, पता नहीं तुमसे ये बात कैसे कहूं। मगर अब खोने को कुछ नहीं बचा है। इसलिए सब कुछ बयां कर देने का यही सही वक्त है। वैसे भी मैं पहले ही सब कुछ खो चुकी हूं। अगर तुम इसे पढ़ रहे हो तो इसका मतलब है कि मैं या तो जा चुकी हूं या तो इसकी तैयारी में हूं। अंदर से टूट चुकी हूं। तुम्हें शायद इस बात का पता ना हो, पर तुम्हारा मुझ पर ऐसा असर था कि मैं टूटकर प्यार करने लगी और उस फेर में खुद को पूरी तरह भुला दिया।
जिया ने लिखा था, मगर तुम थे कि मुझे तड़पाते रहे। तकलीफ देते रहे हर रोज। अब मुझे अपनी जिंदगी में रोशनी की एक लकीर भी नहीं दिखती। सुबह आंख खुलती है पर बिस्तर से उठने का मन नहीं करता। कभी ऐसे भी दिन थे, जब मैं अपना सब कुछ, अपना आने वाला कल तुम्हारे साथ देखती थी। एक उम्मीद थी कि हम साथ होंगे। मगर तुमने मेरे सारे सपने चूर-चूर कर दिए।
अब ऐसा लगता है कि जैसे अंदर से मर चुकी हूं मैं। मैंने कभी किसी से इतना प्यार नहीं किया था, किसी की इतनी परवाह नहीं की थी। मगर मुझे बदले में क्या मिला। तुम्हारे झूठ, तुम्हारी बेवफाई। प्रेग्नेंट होने का डर बना रहता था, फिर भी बिना हिचक तुम्हें सब कुछ सौंप दिया। मगर तुमने इन सबके बदले मुझे तकलीफ दी। इस दर्द ने मुझे पूरी तरह से मार दिया। मेरी रूह तक तबाह हो गई।
एक्ट्रेस ने लिखा था, हाल ये है कि न मैं खा पाती हूं, न सो पाती हूं। न सोच पाती हूं और न ही कुछ कर पाती हूं। हर चीज मेरी पकड़ से छूट रही है। करियर के बारे में तो अब सोचा भी नहीं जाता। जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी, मेरे भीतर उत्साह था, उम्मीदें थीं और अनुशासन था। मुझे नहीं पता क्यों तकदीर हमें साथ और करीब लेकर आई। पहले ही इतनी तकलीफों, बलात्कारों, गालियों और यातनाओं को सहने के बाद मैं कम-से-कम इन सबकी हकदार तो नहीं थी।
बता दें कि जिया खान सुसाइड केस में करीब 10 साल बाद 28 अप्रैल को फाइनल फैसला आने वाला है। इस मामले में मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई अदालत अपना फैसला सुनाएगी। Edited By : Ankit Piplodiya