फिल्म 'गोरखा' के पोस्टर में पूर्व गोरखा ऑफिसर ने पकड़ी गलती, अक्षय कुमार ने कही यह बात
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार इंडस्ट्री के सबसे बिजी एक्टर में से एक हैं। अक्षय कुमार इन दिनों बैक टू बैक फिल्मों की शूटिंग में बिजी है। बीते दिनों अक्षय कुमार ने अपनी नई फिल्म 'गोरखा' के ऐलान किया है। यह फिल्म भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट (5वीं गोरखा राइफल्स) के महान अधिकारी मेजर जनरल इयान कार्डोजो के जीवन पर आधारित है।
अक्षय कुमार ने इस फिल्म के पोस्टर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किए थे। पोस्टर में अक्षय ने गोरखा रेजिमेंट के जवानों लुक कैरी किया है, पोस्टर में उनके यूनिफॉर्म से लेकर उनके हथियार तक सबकुछ दिखाया गया है। लेकिन यहां पर मेकर्स ने एक गलती कर दी, जिसे एक्स गोरखा ऑफिसर ने तुरंत पकड़ लिया।
Dear @akshaykumar ji, as an ex Gorkha officer, my thanks to you for making this movie. However, details matter. Kindly get the Khukri right. The sharp edge is on the other side. It is not a sword. Khukri strikes from inner side of blade. Ref pic of Khukri att. Thanks. pic.twitter.com/LhtBlQ9UGn
इस पोस्टर में अक्षय कुमार हाथ में खुकरी लिए नजर आ रहे हैं, जो गोरखाओं की पहचान मानी जाती है। लेकिन पोस्टर में जो खुकरी दिखाई गई है उसका आकार गलत है। जिसके बाद पूर्व गोरखा अधिकारी ने अक्षय कुमार को टैग करते हुए ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, प्रिय अक्षय कुमार जी, पूर्व एक्स गोरखा ऑफिसर होने के नाते मैं आपका इस फिल्म को बनाने के लिए धन्यवाद करना चाहूंगा। हालांकि, विवरण मायने रखता है। कृपया खुकरी को ठीक करें। दूसरी तरफ तेज धार है। ये तलवार नहीं है। खुकरी ब्लेड के अंदरूनी हिस्से से वार करता है। असल खुकरी की एक रेफ्रेंस तस्वीर अटैच की है। धन्यवाद।
इस ट्वीट का अक्षय कुमार ने भी जवाब दिया है। उन्होंने पूर्व अधिकारी मेजर माणिक एम जॉली का शुक्रिया अदा किया है। अक्षय ने लिखा, मेजर जॉली थैंक्यू इस बात को बताने के लिए। फिल्म की शूटिंग करने के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा। मुझे गर्व है जो मैं गोरखा फिल्म का हिस्सा बनने जा रहा हूं।
बता दें कि मेजर जनरल इयान कार्डोजो ने 1962, 1965 के युद्धों में और खासतौर से 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़ाई लड़ी थी। साल 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ते हुए उनका एक पैर लैंडमाइन ब्लास्ट में बुरी तरह जख्मी होकर लहूलुहान हो गया था। वहां इलाज की तो कोई व्यवस्था थी नहीं, ऐसे में उन्होंने खुकरी से अपना पैर काटकर अपने शरीर से अलग कर दिया था।