120 बहादुर : रेजांग ला की 62वीं वर्षगांठ पर एक्सेल एंटरटेनमेंट ने दी वीरों को श्रद्धांजलि
रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट, ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के साथ '120 बहादुर' को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। यह फिल्म मेजर शैतान सिंह (पीवीसी) और चार्ली कंपनी, 13 कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों की कहानी कहती हैं।
यह मिलिट्री एक्शन फिल्म 1962 के इंडो-चाइना वॉर के दौरान की कहानी है और रेजांग ला की लड़ाई से प्रेरित है। यह फिल्म हमारे सैनिकों की बहादुरी, वीरता और बलिदान को दिखाई है। रेजांग ला की लड़ाई की 62वीं वर्षगांठ पर एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अपनी जान देने वाले 120 बहादुर सैनिकों को सम्मानित करते हैं।
उनकी आने वाली फिल्म 120 बहादुर, मेजर शैतान सिंह पीवीसी के नेतृत्व वाली 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के साहस को श्रद्धांजलि है। 18 नवंबर 1962 को लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में चार्ली कंपनी के 120 सैनिक 3,000 से ज़्यादा चीनी सैनिकों के सामने डटे रहे।
संख्या में कम होने और कड़ाके की ठंड का सामना करने के बावजूद, वे भारत की सीमा की रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस तक बहादुरी से लड़े। उनके साहस ने रेजांग ला को भारतीय सैन्य इतिहास में बलिदान और वीरता का प्रतीक बना दिया। रजनीश "राज़ी" घई के डायरेक्शन में बनी 120 बहादुर गुमनाम हीरोज़ की सच्ची कहानी को स्क्रीन पर लाती है।
ये फिल्म मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों की बहादुरी को उजागर करती है। इसका उद्देश्य है उनकी स्मृति को सम्मान देना और उनकी कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचाना, जो हमें उनके बलिदान और साहस की ताकत की याद दिलाती है।
रेजांग ला के वीर नायकों को समर्पित, 120 बहादुर एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज द्वारा निर्मित एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है। उनकी बहादुरी की गाथा आज भी पूरे देश को प्रेरणा देती है।