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Last Modified: बुधवार, 11 नवंबर 2020 (15:50 IST)

टीवी सीरियल 'मोलक्की' में अपने किरदार को लेकर प्रियल महाजन ने कही यह बात

टीवी सीरियल 'मोलक्की' में अपने किरदार को लेकर प्रियल महाजन ने कही यह बात - priyal mahajan talk about her role  serial molakki
मैं पहले इस मोल भाव से ली गई या खरीदी गई दुल्हन के बारे में और इसके इस रिवाज के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी। जब यह रोल मुझे ऑफर हुआ तो मैंने इसके बारे में पूरी मालूमात की जब रोल के बारे में गहराई से सोचा तो लगा कि जब कि यह रोल सुनने में इतना अच्छा लग रहा है तो करने में कितना मजा आएगा। बस इसीलिए यह रोल कर लिया। यह कहना है प्रियल महाजन का जो कलर्स के शो 'मोलक्की' में मुख्य भूमिका में नजर आने वाली है।

 
शो में एक 19 साल की लड़की को खरीद फरोख्त करके वीरेंद्र प्रताप सिंह से जो उसी के गांव के सरपंच है से उसकी शादी करवा दी जाती है। हालांकि पूर्वी नहीं जानती कि उसे मोलभाव करके दुल्हन बनाया गया है। वीरेंद्र प्रताप सिंह यानी मौलकी के पति के रूप में जो अभिनेता काम कर रहे हैं वह अमर उपाध्याय।

अमर से जब इस रोल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे रोल अच्छा लगा था। खास तौर पर से इसलिए क्योंकि इसमें कुछ अलग तरीके की बोली का इस्तेमाल मुझे करना था। यह एक हरियाणवी कैरेक्टर है और साथ ही बहुत मजबूत इरादों वाला शख्स है। जिसे कहते हैं फर्श से अर्श तक पहुंचने वाला या फिर सब कुछ खुद काम पहले खुद की मेहनत से बनाया हुआ उसका संसार है।
 
 
अमर आगे बताते हैं कि, इतना मजबूत होने के बावजूद भी उसके दिल में कुछ ऐसी बातें हैं जो वह किसी से खुलकर कह नहीं पाता है। उसके जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव उसने देखे हैं जिसमें से कुछ एक तो अच्छे हैं, लेकिन कुछ एक बहुत दिल दुखाने वाले वाकई भी रहे हैं। उसकी जिंदगी में अपने दिल की यह बात वह ना तो अपने घर में अपनी मां से कह पाता है और ना ही वह इस बात को अपनी पत्नी से कह पाता है जो से उम्र में बहुत छोटी है।
 
लेकिन फिर भी आगे चलकर उनका जो रिश्ता बनता है और जिस तरीके से बनता हुआ बढ़ता हुआ दिखाया गया है, वह बहुत अच्छा लगा है। अब यह बात और है कि यह रिश्ता आगे प्यार में तब्दील होगा या फिर यह दोनों अलग हो जाएंगे, यह मैं नहीं बताऊंगा।
 
क्या आपने इस रोल के लिए कोई तैयारी की?
मुझे तैयारी करने में बड़ा मजा आया। इसमें जो यह रिवाज दिखाया गया है कि आप मोलभाव करके खरीद फरोख्त करके अपने लिए पत्नी खरीद कर ला सकते हैं और जीवनसंगिनी बना सकते हैं तो यह मेरे साथ होता है। कहने के लिए यह जो भी रिवाज है लेकिन जो वीरेंद्र प्रताप सिंह है, वह सरपंच है जब गांव में वह रहता है और साथ ही आसपास के कुछ गांव का भी।
 
ऐसे में मुझे बहुत रौबदार शख्स दिखना था। लेकिन मुझे जिस भाषा का इस्तेमाल करना था, वह हरियाणवी होनी चाहिए क्योंकि हरियाणा के एक गांव की कहानी है। मेरे कई दोस्त हिसार में, पानीपत में है तो जब वह हिंदी में बात करते हैं तो हिंदी तो बोल रहे हैं लेकिन उसमें हरियाणवी का इतना ज्यादा प्रभाव है कि वह हिंदी होने के बावजूद कुछ अलग तरीके से निकल कर आती है और इसी बात का जो स्वैग है, इस भाषा का जो स्टाइल है वह दिल जीत लेता था।
 
मैंने कभी सोचा था कि जिंदगी में इस तरीके की बातचीत करने के अंदाज वाला रोल जरूर निभाऊंगा और मेरा सपना सच हो गया। मैंने अपने हरियाणवी रोल के लिए सुल्तान और दंगल दोनों फिल्में देखी, जिसमें कि आमिर और सलमान हरियाणवी रोल निभाते नज़र आए और उसी भाषा को बोलते नजर आए। लेकिन अंतर यह था कि वह दो-ढाई घंटे की फिल्म थी। मैं यहां पर 365 दिन इसी हरियाणवी रूप को जीने वाला हूं।
 
मैंने पूरी कोशिश की कि जब भी मैं बात करूंगा जब भी मेरे जो हावभाव होंगे ऐसे होंगे जो मुझे बहुत रुआबदार शख्स दिखाएं साथ ही साथ में जब भी मुंह खोलो हिंदी बिल्कुल अलग तरीके की सुनने को मिलनी चाहिए तो हां, यह मेहनत जरूर मुझे करनी पड़ी।
 
जब मालूम पड़ा कि आपके अपोजिट जो मेन लीड है, वह अमर उपाध्याय जैसे सीनियर कलाकार है तो नर्वस नहीं हुईं। 
 
इस पर प्रियल महाजन ने कहा, मैं नर्वस नहीं हुई, लेकिन मैं बहुत एक्साइटेड जरूर हो गई थी मतलब जिस शख्स को मैंने क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मेहर विरानी के रूप में देखा था आज वह मेरे सामने खड़े हैं और मैं उनकी पत्नी का रोल निभा रही हूं, इस बात की खुशी तो मैं बयां नहीं कर सकती। 
 
जहां तक बात रही कि क्या मैं शूट करते टाइम कोई नर्वसनेस महसूस कर रही थी तो शायद पहले ही सीन में मुझे अमर सर ने बहुत कंफर्टेबल बना दिया और बहुत दोस्ताना व्यवहार था। 1 दिन के बाद जब दूसरा सीन हो तब तक हम लोगों की जो बात थी वह बहुत अच्छे स्तर पर पहुंच गई थी तो नर्वस तो नहीं थी। खुशी बहुत ज्यादा थी कि देखिए मैं अमर उपाध्याय के साथ काम करने लगी हूं।
 
फिर आपको यह रोल देने के पहले क्या बताया गया था कि किस तरीके की लड़की होगी यह पूर्वी?
मेरे लिए यह रोल बहुत अलग रूप लेकर आया है। मैं इतनी गरीब लड़की हूं। घर में पैसे की इतनी तंगी है कि कई बार तो मेरे पास दो वक्त की रोटी भी नहीं होती है। मैं मेरी मां, मेरे पिता हम तीनों एक ही घर में रह रहे हैं और कई बार ऐसा हुआ है कि एक रोटी है और इस रोटी के भी 3 हिस्से होते हैं और सब मिल बैठकर खाते हैं। कभी ऐसा हुआ कि सब्जी नहीं मिली तो मैं इतनी गरीबों हूं कि नमक से मिलाकर रोटी खा लूंगी। कम से कम पेट भर जाए।
 
जब ऐसी एक लड़की की शादी हो जाती है तो वह ऐसे घर में पहुंचती है जहां पर ऐशो आराम खाने पीने की कोई नहीं कमी है तो उसके लिए बहुत बड़ा बदलाव है। इस बदलाव में वह कैसे अपने आप को जमाती है। इस घर के लिए अपने आपको बदलती है। वह मुझे बहुत चैलेंजिंग और अनोखा लगा। फिर भी मैं पूरी कोशिश करती हूं और घर में सभी लोगों से प्यार भरा रिश्ता बना ही लेती हूं। हालांकि पूर्वी को बहुत समय तक यह मालूम नहीं पड़ता है कि वह मोल में लाई हुई दुल्हन है।
 
अमर बहुत समय बाद आप एक बार फिर से एकता के साथ काम कर रहे हैं। क्या इस बात से कोई फर्क पड़ता है?
एकता के साथ काम करना मतलब दिग्गज के साथ काम करना है जब आपको मालूम पड़ता है कि एकता आपकी प्रोड्यूसर है तब आपको सोचने का टेंशन ही नहीं करना पड़ता है। जस्सी जो कि कास्टिंग का काम करती है और वह यह रोल लेकर आई तो मैं बहुत खुश हो गया। मैं इतने समय से चाह रहा था कि कोई तो काम ऐसा एकता के साथ मिल जाए। मुझे और वह देखिए मिल भी गया। 
 
एकता के साथ आप दिल में इस बात की शांति लिए रहते हैं कि रोल कैसा होगा, कैसे आगे बढ़ेगा, कैसे उसको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा या नहीं। आपको अपने रोल के क्रिएटिव साइड का और ग्राफ का कोई टेंशन नहीं लेना है क्योंकि उन सब की जिम्मेदारी एकता अपने सर पर और अपने कंधों पर ले लेती हैं। यानी आपको सेट पर जाना है अपना बेस्ट शूट करना है और वापस आ जाना है। एक एक्टर के लिए इससे बेहतरीन कोई मौका नहीं हो सकता है।
 
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