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मुबारकां में पटाखा लड़की बनी हूं : इलियाना डीक्रूज

सैफ-करीना के साथ समय बिताना अच्छा लगता है

मुबारकां में पटाखा लड़की बनी हूं : इलियाना डीक्रूज - Mubarakan, Ileana DCruz, Anil Kapoor
'बर्फी' और 'मैं तेरा हीरो' में इलियाना डीक्रूज ने अलग-अलग रोल निभाए। एक फिल्म में सीधी-सादी लड़की तो दूसरी में तड़क-भड़क के जलवे दिखाने वाली। इलियाना की अगली फिल्म 'मुबारकां' रिलीज होने वाली है। पेश है उनसे बातचीत: 
 
आपने अब तक अक्षय, रणबीर, सैफ, वरुण के साथ काम किया है। अब जल्द ही अजय देवगन के साथ 'बादशाहो' में दिखने वाली हैं, किसके साथ सबसे अच्छी दोस्ती है?
कई लोगों के साथ काम जरूर किया है, लेकिन किसी के साथ गहरी दोस्ती नहीं कह सकती। सभी लोगों के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं। अगर कहना ही हुआ तो मैं वरुण धवन का नाम लूंगी। उनके साथ काम करके लग रहा था कि वे मेरे कॉलेज के दोस्त हैं। सैफ मुझसे बहुत बड़े हैं तो बातचीत बहुत अलग होती थी। सैफ और करीना के साथ मुझे समय बिताना अच्छा लगता है।
 
'मुबारकां' में तो आपने अनिल कपूर के साथ काम किया है? 
मुझे अनिलजी की एक बात अच्छी लगती है कि वे हमेशा एक्साइटेड होते हैं। जब वे सेट पर आते हैं तो ऐसा लगता था कि यह उनकी पहली फिल्म है और आज उनका पहला शॉट है और ऐसा आप उन्हें रोज पाएंगे। वे इतने मजाकिया हैं कि आप उनके साथ हंसो या उन पर हंसो, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुझे उनकी ये बात पसंद आती है कि वे बहुत सकारात्मक सोच वाले हैं।
 
'मुबारकां' में कैसा किरदार है आपका?
मैं 'मुबारकां' में 'स्वीटी' का किरदार कर ही हूं, जो एकदम पटाखा लड़की है, जो कभी भी चुप नहीं रह सकती। वह जो कहना चाहती है, वो कहकर ही रहती है, बिलकुल सोचती नहीं है। वो थोड़ी गरम मिजाज है और उसी समय जो ठीक लगे, वो कर देती है। चाहे वो अर्जुन से बात करनी हो या अनिल कपूर से। मेरे लिए ये किरदार जरा मुश्किल था, क्योंकि ये पहली बार है, जब मैंने किसी पंजाबी लड़की का किरदार किया हो। लोगों को एक नई इलियाना मिलेगी। अगर 'बर्फी' और 'मुबारकां' देखें तो जमीन-आसमान का अंतर मिलेगा।
कभी करियर को लेकर कुछ प्लानिंग की है?
मेरा करियर को लेकर कुछ प्लान ही नहीं है। मैंने कोई योजना भी नहीं बनाई है। मुझे तो ये भी नहीं पता कि मेरे पास कल कौन सी फिल्म है? मुझे ऐसा लगता है कि कहीं मैंने कुछ प्लान किया और बात उसके हिसाब से नहीं हुई तो मुझे बुरा लगेगा तो बेहतर है कि मैं कुछ सोचूं ही ना। जिस तरह जिंदगी चल रही है, उसे चलने दें।
 
आपकी जिंदगी में रिश्तों की क्या अहमियत है?
मेरे लिए रिश्ते हमेशा घर से शुरू होते हैं। पहले-पहले परिवार आता है फिर दोस्त आते हैं। ये मेरी प्राथमिकता है। जो मैं आज हूं, जैसी हूं, वह घर वालों की ही वजह से हूं। मेरा आत्मविश्वास भी घर वालों की वजह से ही है। जहां तक मेरी जिंदगी के बाकी के रिश्तों की बात है तो मैं बहुत बातें अपने तक रखने वाली हूं, बहुत सी बातें गुप्त रखने में विश्वास करती हूं और बहुत वफादार साथी भी हूं। मेरे हिसाब से अगर मैं एक बार दोस्त बनाती हूं तो वे मेरे ताउम्र दोस्त रहेंगे, हां अगर वे मुझे धोखा न दें। अगर आप मुझसे किसी किए की माफी मांगते हैं तो मैं आपको फिर अपनी जिंदगी में शामिल कर लूंगी लेकिन अगर आपने मुझे धोखा दिया है तो मैं आपको उसी समय अपनी जिंदगी से बाहर फेंक दूंगी।
और दोस्ती के रिश्ते के बारे में क्या सोचती हैं?
मेरे दोस्त इस इंडस्ट्री के नहीं हैं। वे सभी दूसरी इंडस्ट्री में काम करते हैं। मेरी व्यस्तता समझते हैं। मेरे सारे दोस्त मेरी फिल्मों को पसंद करते हैं। हां, एक दोस्त है, जो फिल्म मार्केटिंग में काम करती है। वो मुझे कई बातें बताती रहती है और समझाती भी है जबकि उसे भी मालूम है कि मैं वो बात नहीं मानने वाली हूं। मैं बहुत जिद्दी हूं ना।
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