फिल्म बनाते समय क्या ऑडियंस का ख्याल रखते हैं?
मेरी जो ऑडियंस है, वो फैमिली ऑडियंस है। मेरी फिल्म को फैमिली एंटरटेनर कहा जाता है, मैं उसी तरह की फिल्में हमेशा बनाता हूं। आजकल टिकट दर बहुत ज्यादा है। अगर कोई दर्शक मुझे उतना पैसा दे रहा है तो मेरा दायित्व है कि मैं उस परिवार को मनोरंजन दे सकूं।
'सिंघम' और 'गोलमाल' जैसी फिल्में कैसे बना लेते हैं?
दोनों मनोरंजन का हिस्सा ही हैं। एक वीर रस और दूसरा हास्य रस है। दोनों रसों को मनोरंजन में तब्दील करने का काम मैं करने की कोशिश करता हूं। पहली 'गोलमाल' के दौरान पूरे परिवार ने फिल्म को सराहा था। अब मेरी कोशिश रहती है कि मैं पूरे परिवार के लिए ही फिल्म बनाऊं। फिल्म का साफ-सुथरा होना जरूरी है।
डराने वाले हैं?
हमने काफी सोचा और उसके बाद 'गोलमाल अगेन' में हमने भूत वाला कॉन्सेप्ट लाया। हॉरर कॉमेडी बनाने की कोशिश की।
कॉमेडी में एक्शन?
अगर फिल्म में अजय देवगन हों तो फैन्स उन्हें एक्शन करते हुए भी देखना चाहते हैं, तो उनके लिए एक्शन भी रखना पड़ता है।
तब्बू के बारे में बताएं?
मैं तब्बू के साथ एक अरसे से काम करना चाहता था, पहली बार ऐसा मौका मिला और हमने बड़ी शिद्दत से काम किया है। फिल्म में वे बहुत ही अहम् किरदार में हैं।
किस तरह की फिल्में कभी नहीं बनाएंगे?
मैं सेक्स कॉमेडी नहीं बना पाऊंगा, क्योंकि उस तरह की फिल्में मैं नहीं बना सकता।
सेट पर अलग मैजिक होता है?
ये परिवार के जैसा होता है, सभी एक्टर्स मिलते हैं तो एक-दूसरे को अपनी लाइंस भी दे देते हैं। फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं जिन्हें आज भी देखते हुए चेहरे पर मुस्कान आती है।
गोलमाल अगेन के लिए क्या कहना चाहेंगे?
बहुत ही मनोरंजन से भरी फिल्म है। इस फिल्म की सीरीज को बनाते हुए मुझे बेहद खुशी होती है। श्रेयस तलपड़े, अजय देवगन, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, बृजेश हिरजी, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, मुरली शर्मा आदि सभी लोग मौजूद होने वाले हैं। बहुत ही मनोरंजन से फिल्म बनाने की कोशिश है। 'गोलमाल' सीरीज का अलग ही मजा है और आज भी वो टीवी पर आती रहती है तो लगता है कि कल की ही बात है जबकि 7 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।
क्लैश?
फिल्म 'सीक्रेट सुपरस्टार' के साथ क्लैश नहीं है। हां, दोनों अलग सब्जेक्ट हैं और 1 साल में 52 हफ्ते होते हैं तो एक से ज्यादा फिल्मों की रिलीज का काम तो चलता ही रहेगा।