इस तरह खुद को मेंटली फिट रखती हैं 'तड़प' एक्ट्रेस तारा सुतारिया
बॉलीवुड एक्ट्रेस तारा सुतारिया की फिल्मों को लोगों ने काफी पसंद किया लेकिन फिर अचानक से लॉकडाउन शुरू हो गया। यानी करियर की गाड़ी अभी रास्ते पर पहुंची ही थी और रास्ते के आगे रुकावट के लिए खेद है ये तख़्ती लग गई। ऐसे में अपने करियर और अपनी आने वाली फिल्म तड़प के लिए मीडिया से बातचीत करते हुए तारा का कहना है कि कोविड-19 वजह से सब कुछ बंद हो गया था।
उन्होंने कहा, हमारे काम धंधे सभी कुछ एक तरह से थम गया था। थोड़ा सा नर्वस भी थी, थोड़ा डर भी लगा हुआ था। लेकिन फिर भी 2 साल थम जाने के बाद एक बार फिर से सब कुछ शुरू हुआ है। अब देखिए 3 दिसंबर को मेरी यह फिल्म रिलीज होने आई है इस पूरे हालात पर मैं और अहान खुश है थोड़ा नर्वस भी हैं कि चलिए कम से कम हमारी फिल्म अब रिलीज हो रही है।
इस दौरान क्या किया आपने?
मैं मुंबई में अपनी जुड़वा बहन के साथ रहती हूं तो हम दोनों ने साथ में खाना बनाया, डांस सीखा, खूब गाने गाए। बहुत सारा वक्त एक दूसरे के साथ बिताया तो सच कहूं तो यह समय मेरे लिए बहुत ही संतोषजनक रहा।
अहान से पहली मुलाकात कहां हुई और क्या आपने कोई टिप्स भी दिए?
अरे नहीं, मैं पिछले 3 या 4 साल से ही तो फिल्म इंडस्ट्री में हूं मैं कहां किसी को टिप्स दे सकती हूं। मुझे बिल्कुल नहीं लगता कि मुझे किसी को कैसे एक्टिंग करनी है, बताना है, समझाना भी चाहिए। मैं खुद ही सीख रही हूं। अभी जहां तक बात है उनके लांच की तो मुझे मालूम था कि अहान का लांच है इस फिल्म से तो उस पर ज्यादा ध्यान दिया भी जाना चाहिए।
मैं फिल्म शुरु होने के पहले साजिद के ऑफिस में मिली थी जहां मैं अहान और हमारे निर्देशक मिलन भी थे। मुझे कहा गया कि मुझे डर्टी पिक्चर का एक सीन करना है। तब तक अहान को इस फिल्म के लिए साइन कर लिया गया था और जब मैंने डर्टी पिक्चर का वह सीन कर लिया तब मुझे मिलन ने कहा कि तुम यह फिल्म करना चाहोगी। तो उस समय मैंने तड़प के लिए बिल्कुल हामी भर दी।
आपकी फिजिकल फिटनेस तो जाहिर है दिखाई देती है लेकिन मेंटल फिटनेस के लिए क्या करती हैं?
बहुत जरूरी है आज के समय में कि हम सिर्फ फिजिकल फिटनेस पर ध्यान ना दें बल्कि मेंटल फिटनेस पर भी ध्यान दें। यह एक ऐसी चीज है जो आपको अपने लिए करनी ही चाहिए। कोविड का समय एक ऐसा समय रहा है जिसने हमें सिखाया है कि हमें कैसे घर पर रहना है। भागदौड़ की जिंदगी से हटकर कुछ समय कुछ पल घर पर सिर्फ अपने साथ बिताने हैं और अपने बारे में ही सोचना है।
मेरे लिए बहुत जरूरी है कि मेंटल मैं फिट तभी रहती हूं जब मेरे पास एक बहुत अच्छा सपोर्ट सिस्टम होता है। सपोर्ट सिस्टम मतलब सिर्फ वह लोग नहीं तो सब आप की हां में हां मिलते हैं और आप को खुश करते रहें बल्कि सपोर्ट सिस्टम से मेरा मतलब है मेरे वह दोस्त, रिश्तेदार और माता-पिता जो मेरी गलती पर मुझे टोके भी और मेरे साथ उतनी ही नरमाई से व्यवहार करें और बताएं।
मेरे अच्छे बुरे में मेरे साथ में रहे। उतने ही प्यार के साथ उतनी ही सादगी के साथ और उतने ही अच्छाई के साथ। मेरे हिसाब से अगर अच्छा सपोर्ट सिस्टम होता है तो आपको मेंटल फिटनेस पर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है। सारे लोग आपको बहुत हिम्मत देते हैं। लेकिन फिर भी एक बात बहुत जरूरी होती है कि हम यह समझे कि हमारे अंदर अच्छा क्या है और यह कौन से ऐसी बातें है जहां पर हम बहुत अच्छे नहीं हैं। हम कमजोर हैं तो मजबूत बातों का जानकर उन्हें आगे रखें।
तड़प, आरएक्स 100, इस फिल्म से प्रेरित होकर बनाई है हो सकता है लोग आपकी फिल्म को इस से तुलना करके देखें और साथ ही आप लोगों की एक्टिंग की भी तुलना की जाए
नहीं, ऐसा मुझ नहीं लगता आरएक्स 100 जो है यह दक्षिण भारतीय फिल्म हैं। लोगों ने इस फिल्म को बहुत पसंद किया था। हीरो हीरोइन को भी बहुत प्यार मिला था। लेकिन जहां तक बात आएगी तुलना की तो मुझे नहीं लगता है तुलना होगी क्योंकि वह एक दक्षिण भारतीय भाषा में है। हमने जो फिल्म बनाई है, वह पूरे भारत को ध्यान में रखते हुए बनाई है।
वैसे भी मिलन जिस तरीके की फिल्म बनाते हैं, उसे बनाने की उनकी जो समझ है, दर्शकों के लिए उनकी जो समझ है वह सभी देखते हुए एक बेहतर फिल्म की अपेक्षा की जा सकती है। साथ ही फिल्म को बनाते हुए ध्यान रखा गया है कि इससे पूरे भारत में देखा जाएगा, भारत के बाहर भी देखा जाएगा। यह फिल्म मसूरी में बनाई गई है तो वहां की खूबसूरती वहां की वादियां, वहां के रहन-सहन को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को बनाया गया है।