ट्रेलर रिव्यू: सलमान खान की फिल्म भारत के ट्रेलर में नजर नहीं आता वॉव फैक्टर
सलमान खान के लिए पिछली कुछ ईदें फीकी रही हैं। ट्यूबलाइट और रेस 3 को दर्शकों ने नकार दिया। ट्यूबलाइट में सलमान ने कुछ हटके करने की कोशिश की थी और रेस 3 में टिपिकल बॉलीवुड फॉर्मूले थे, लेकिन दोनों ही फिल्में दर्शकों को इसलिए नहीं बांध पाईं क्योंकि वे अच्छी नहीं थीं।
इस ईद पर सलमान 'भारत' लेकर आ रहे हैं जिसके पिछले कुछ दिनों से लगातार पोस्टर्स रिलीज हो रहे थे। कभी सलमान बूढ़े नजर आते तो कभी जवान। उनके कई लुक्स सामने आए और इन पोस्टर्स के जरिये बताया गया कि फिल्म की कहानी वर्षों तक फैली है।
यह ऐसे शख्स की कहानी है जिसके बचपन, जवानी और वृद्धावस्था को दर्शाने के साथ-साथ उस दौर में भारत में घटीं प्रमुख घटनाएं भी दिखाई गई हैं।
फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है। किरदार का नाम भी भारत है और उसकी उम्र भी उतनी ही है जितनी की 'भारत' की। सलमान को बूढ़े के रूप में देख दर्शक निराश न हो इसलिए ट्रेलर में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस बूढ़े की जिंदगी भी रंगीन रही है ताकि युवा सलमान की झलक देखने को मिले।
उन्हें युवा दिखाने के लिए दिशा पाटनी का सहारा लिया गया है जिन्हें आज के टीनएजर्स पसंद करते हैं और इसके सहारे सलमान की उम्र कम करने की कोशिश की गई है।
बेरोजगारी की समस्या की ओर इशारा किया गया है। सलमान के कैरेक्टर का कोई सरनेम नहीं है जिसके जरिये संदेश देने की कोशिश की गई है।
कैटरीना के साथ हल्के-फुल्के और पारिवारिक दृश्य हैं। ट्रेलर में सलमान के किरदार की अतीत की झलक भी मिलती है। शायद पार्टीशन का असर उन पर तथा परिवार पर हुआ है। वाघा बॉर्डर पर भी वे नजर आते हैं। शायद उनके अपने पाकिस्तान में हों या वे चाहते हों कि दोनों देशों के बीच शांति रहे।
ट्रेलर में कहानी की झलक मिलती है, लेकिन ट्रेलर दमदार नहीं है। इसमें से 'वॉव फैक्टर' मिसिंग है। सारे सीन औसत ही नजर आते हैं। सलमान के फैंस भी निराश हो सकते हैं क्योंकि जो मसाले वो सलमान की फिल्म में चाहते हैं वो ट्रेलर में तो नजर नहीं आते हैं।
कैटरीना कैफ का लुक भी औसत है। सर्कस के कलाकार की तरह सलमान कुछ कारनामें करते हैं जो ठीक-ठाक हैं। ट्रेलर में कोई दमदार संवाद भी सुनने को नहीं मिला।
हालांकि ट्रेलर देख फिल्म का अनुमान लगाना सही नहीं है, लेकिन 'भारत' का ट्रेलर कोई भी असर नहीं छोड़ पाता।