Bigg Boss 13 : सिद्धार्थ शुक्ला की जीत बर्दाश्त नहीं हुई तो लगाए फिक्सिंग के आरोप
इन दिनों यह नया ट्रेंड चल रहा है कि आपके द्वारा समर्थित टीम, पार्टी या व्यक्ति हार जाए तो फौरन आरोप लगा दो कि यह 'फिक्स' था। इससे तर्क-वितर्क की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाती हैं। कोई पार्टी हार जाती है तो 'ईवीएम' हैक (फिक्स) की बातें करने लगती है।
क्रिकेट टीम में समर्थित टीम हार जाए तो मैच 'फिक्स' होने की बातें होने लगती हैं। जान बूझ कर आउट हुआ या कैच छोड़ा। क्या पहले कभी कैच कभी छूटते नहीं थे या बल्लेबाज खराब शॉट खेल कर आउट नहीं होते थे।
यही सिलसिला रियलिटी शो में भी चल रहा है। हाल ही में सिद्धार्थ शुक्ला ने बिग बॉस शो के 13वें सीज़न का खिताब अपने नाम कर लिया। आसिम रियाज़ उनके कड़े प्रतिद्वंद्वी थे जो अंतिम समय हार गए।
आसिम के प्रशंसकों ने कह दिया कि सिद्धार्थ की जीत फिक्स थी। आसिम को ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन सिद्धार्थ को जीता दिया गया।
दरअसल आसिम यह शो जीत पाएंगे इस पर यकीन आसिम के फैंस को भी पहले से नहीं था। इसलिए फाइनल के 20-25 दिन पूर्व ही उन्होंने इस तरह की बातें करना शुरू कर दी थी।
कहने लगे थे कि कलर्स टीवी की एक बड़ी अधिकारी की सिद्धार्थ से दोस्ती है और उसके आधार पर सिद्धार्थ की जीत फिक्स कर दी गई। पहले से ही इस तरह का माहौल बना दिया गया था ताकि सिद्धार्थ जीते और मामला लपट पकड़े।
जो बिग बॉस 13 को नजदीक से देख रहे थे वे फाइनल के पहले से ही जान गए थे कि सिद्धार्थ के विजेता बनने का अवसर ज्यादा है। उन्हें लोकप्रियता मिल रही थी।
यह बात आसिम समर्थकों ने भी भांप ली थी और उन्होंने फाइनल के पहले ही 'फिक्सिंग' का बहाना बनाना शुरू कर दिया। यदि उन्हें फिक्सिंग लग रहा है तो अपनी बात को वजन देने के लिए सबूत पेश करते। केवल कहने भर से ही बात सही नहीं हो जाती।
यह बात भी सही है कि मैच भी फिक्स होते हैं। रियलिटी शो में भी वोट की काउंटिंग को लेकर पारदर्शिता नहीं रहती है। चैनल वाले की मर्जी भी शामिल रहती है। लेकिन हर जीत या हार के बाद भी फिक्सिंग का रोना लेकर बैठना सही नहीं है। अब तो खुद आसिम रियाज़ ने भी कह दिया है कि शो फिक्स नहीं था।