इसके बाद पंचम के साथ ताजगी से "तीसरी मंजिल" में आशा के अलहदापन ने युवा पीढ़ी को ही नहीं सो कॉल्ड बुजुर्गों को भी दीवाना किया। आज उसके आगे की पीढ़ी जिसकी नुमाइंदगी करते हैं जीनियस एआर रहमान । उनकी ग्लोबल धुनों के "तक्षक" और "लगान" को भी "रंगीला" किया इसी आशा ने।