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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 28 मई 2024 (10:27 IST)

28 मई : स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती, जानिए 5 अनसुने तथ्य

Veer Savarkar Jyanati
Highlights 
 
* स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर बारे में जानें।  
* विनायक दामोदर सावरकर  कब हुआ था। 
* स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई थी खास भूमिका 

 
savarkar jayanti 2024 : आज भारत के स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है।  उनका जन्म नासिक के भगूर गांव में 28 मई 1883 को हुआ था। उन्हें एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता के रूप में भी जाना जाता हैं।  
 
आइए आज उनकी जयंती पर जानिए उनके जीवन से जुड़े 5 खास तथ्य.... 
 
1. भारतीय महान क्रांतिकारी वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) का जन्म महाराष्‍ट्र के नासिक जिले के एक गांव में हुआ था। उनके पिता गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में जाने जाते थे, जिनका नाम दामोदर पंत सावरकर था। वीर सावरकर के कम उम्र में ही उनकी माता राधाबाई का साया उनके सिर से उठ गया था। 
 
2. वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे, जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया था, वे पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। और ऐसे पहले स्नातक, जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण अंग्रेज सरकार ने वापस ले लिया। 
 
3. वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता समर को 2-2 देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया।उनकी किताब 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 एक सनसनीखेज पुस्तक रही, जिसने ब्रिटिश राज की नींव को हिला डाला था। 
 
4. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया, वे एक ऐसे प्रथम राजनीतिक बंदी थे, जिन्हें विदेशी भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा और बंदी जीवन समाप्त होते ही उन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।
 
5. उन्होंने ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया और राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्मचक्र लगाने का सर्वप्रथम सुझाव भी वीर सावरकर ने ही दिया था, जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मान्य किया। 26 फरवरी 1966 को मुंबई में वीर सावरकर का निधन हुआ था। ऐसे भारत के अद्वितीय क्रांतिकारी कहे जाने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानी को नमन।  
 
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