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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020 (15:25 IST)

बिहार चुनाव: असंभव नीतीश की मुहिम चलाने वाले चिराग पासवान भाजपा के लिए बनेंगे 'चिराग' ?

पीएम मोदी के साथ नजर आने चिराग पासवान ने शुरु की असंभवनीतीश की मुहिम

बिहार चुनाव: असंभव नीतीश की मुहिम चलाने वाले चिराग पासवान भाजपा के लिए बनेंगे 'चिराग' ? - Why Chirag Paswan is opposing Chief Minister Nitish Kumar in Bihar elections
बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी पारा अब पूरे उफान पर है।चुनावी रण में सियासी दल एक दूसरे को मात देने के लिए चुनावी चक्रव्यूह रच रहे है। चुनाव में सबसे अधिक चर्चा लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले NDA से अलग होने का फैसला करने वाले चिराग पासवान पिता रामविलास पासवान के निधन के चलते अभी पूरी तरह चुनावी मैदान में सक्रिय नहीं है लेकिन वह सबसे अधिक सुर्खियों में है। 
 
बिहार के चुनावी रण में पंद्रह साल बाद लोक जनशक्ति पार्टी अपने अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में आ डटी है। सीटों को लेकर हुए मतभेद के बाद एनडीए से अलग होने का फैसला करने वाले चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का खुलकर विरोध कह रहे है।

अपने सभी इंटव्यू में चिराग साफ कहते हैं कि उनका एकमात्र लक्ष्य नीतीश कुमार को फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनने से रोकना है। इसके लिए मंगलवार से चिराग पासवान ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनने से रोकने लिए ‘अंसभव नीतीश’ के हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर एक मुहिम भी शुरु कर दी है।
 
चिराग पासवान ने एक के बाद एक चार ट्वीट में सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए लोगों से जेडीयू के उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की अपील की। 
 
पिता की तरह बनना चाहते हैं किंगमेकर– 2005 से बिहार की सत्ता में काबिज नीतीश कुमार को चौथी बार मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान के 2005 के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया है।
फरवरी 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ी लोक जनशक्ति पार्टी ने 29 सीटें जीती थीं और तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रामविलास पासवान किंगमेकर की भूमिका में थे और उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया था। ऐसे में बिहार की राजनीति के जानकर चिराग के फैसले को अपने पिता के पद्चिन्हों पर आगे बढ़ने से जोड़कर देख रहे है।
 
दरअसल अक्टूबर 2005 में नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के साथ बिहार की राजनीति में लोक जनशक्ति पार्टी अप्रासंगिक होती गई और अक्टूबर 2005 के चुनाव में उसको 10 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इसके बाद बिहार में रामविलास पासवान की प्रांसगिकता पर सवाल उठने लगे और 2005 के विधानसभा चुनाव में पासवान की पार्टी एलजेपी दो सीटों पर सिमट गई।
 
बिहार में भाजपा के बनेंगे ‘चिराग’? - चिराग पासवान भले ही एनडीए से अलग होकर बिहार चुनाव लड़ रहे हो लेकिन वह चुनाव के बाद भाजपा और एलजेपी की सरकार बनने का दावा कर रहे है। चिराग लगातार अपने बयानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर रहे है और नीतीश कुमार का विरोध भी कर रहे है। चिराग अपने बयानों और ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने और पिता रामविलास पासवान के रिश्ते का जिक्र भी करने से नहीं चूक रहे है। 

इस बहाने वह सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे है। ऐसे ही एक ट्वीट में चिराग लिखते है कि “आदरणीय नीतीश कुमार जी ने प्रचार का पूरा ज़ोर मेरे और प्रधानमंत्री जी के बीच दूरी दिखने में लगा रखा है। बांटो और राज करो की नीति में माहिर मुख्यमंत्री जी हर रोज़ मेरे और भाजपा के बीच दूरी बनाने का प्रयास कर रहे है।

वहीं चिराग के लगातार पीएम मोदी को लेकर दिए जा रहे बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पोस्टर और बैनर पर नाम लिखने से कुछ नहीं होता है,जनता राजनीति समझती है और वह सहीं निर्णय लेगी। भले ही बिहार में चिराग एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन जब एक चैनल के इंटव्यू में अमित शाह से रामविलास पासवान की जगह चिराग को मंत्री बनाने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस पर बिहार के चुनाव के बाद एनडीए के दल फैसला लेंगे।
वहीं चिराग अपने ट्वीट में अपनी पार्टी के समर्थकों से भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन की अपील कर रहे है। बिहार की राजनीति के जानकार चिराग के अलग चुनाव लड़ने के फैसले को चिराग और भाजपा के गेमप्लान के तौर पर भी देख रहे है। इस बार विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहे है ऐसे में चुनाव के बाद अगर 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में अगर एलजेपी अपने 2005 के प्रदर्शन के आसपास आकर टिकती तो संभव है कि बिहार में पहली बार भाजपा की सरकार बनाने में चिराग पासवान ‘चिराग’ साबित हो सकते है।  
 
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