मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Lord Ganesha in Australian
Written By
Last Modified: शनिवार, 9 सितम्बर 2017 (11:14 IST)

सोशल: विज्ञापन में भगवान गणेश को मांस खाते दिखाने पर विवाद

सोशल: विज्ञापन में भगवान गणेश को मांस खाते दिखाने पर विवाद - Lord Ganesha in Australian
- सिन्धुवासिनी
अगर आपसे पूछा जाए कि भगवान गणेश को क्या प्रसाद चढ़ाते हैं तो आपका जवाब क्या होगा? मोदक, लड्डू, फल या कुछ और? जवाब चाहे जो हो, कम से कम मांस तो नहीं होगा। दरअसल, एक ऑस्ट्रेलियाई विज्ञापन में भगवान गणेश को मांस खाते हुई दिखाया गया है। इससे वहां के हिंदू समुदाय में काफ़ी नाराज़गी है और इसका ज़बरदस्त विरोध हो रहा है। लोगों ने कंपनी से इस विज्ञापन को हटाने की मांग भी की है।
 
चार सितंबर को 'मीट एंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया' ने एक विज्ञापन जारी किया। यह कंपनी मीट और पशु उद्योग से जुड़े विषयों पर मार्केटिंग-रिसर्च का काम करती है। विज्ञापन की टैगलाइन है- 'द मीट मोर पीपल कैन ईट, यू नेवर लैंब अलोन', यानी भेड़ का मीट ज्यादा से ज्यादा लोग खा सकते हैं इसलिए इसे खाते वक़्त आप कभी अकेले नहीं होते।
 
विज्ञापन में गणेश, जीसस, बुद्ध, थॉर और और चीनी देवी गुआनयिन जैसे अलग-अलग धर्मों के देवी-देवता और पौराणिक किरदार साथ बैठे पार्टी करते नज़र आ रहे हैं। इस पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। तन्मय शंकर ने लिखा, ''हबीब के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में मीट ऐंड लाइवस्टॉक भगवान गणेश को मांस खाते और शराब पीते दिखा रहा है। हिंदू देवी-देवताओं के साथ छेड़छाड़ करना जैसे फ़ैशन बन गया है।''
 
ऐडिलेड में रहने वाले उमंग पटेल ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा, ''मुझे यह ऐड बिल्कुल पसंद नहीं आया, यह बिल्कुल बकवास है।'' मधूलिका ने लिखा,''यह विज्ञापन बहुत ही आपत्तिजनक है। इसमें गणेश को मीट खाते और शराब पीते दिखाया गया है। मैडम सुषमा स्वराज, इस पर ऐक्शन लीजिए।''
इंडियन सोसायटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (ISWA) के प्रवक्ता नितिन वशिष्ठ ने बीबीसी को बताया,''हमने ऐड को हटाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड ब्यूरो को चिट्ठी लिखी है। गणेश जी को इस तरह दिखाना हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।''
 
नितिन का कहना है कि अगर टीम ने थोड़ी सी भी रिसर्च की होगी तो उसे पता होगा कि गणेश जी को मांसाहार चढ़ाना वर्जित है। वे अपने व्यापारिक फ़ायदों के लिए एक खास धर्म को निशाना बना रहे हैं, इसे किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता।''
 
हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस विज्ञापन में कुछ भी आपत्तिजनक नज़र नहीं आता। मेलबर्न में रहने वाली सेजल जाम कहती हैं,''मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी ग़लत है। यह तो ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों की अहमियत दिखाता है। गणेश जी को मानने वाले लोग भी लैंब खाते हैं।''
उजास पंड्या भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने कहा,''जो भारतीय लंबे वक़्त से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं, उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं होगी।'' अनुभव श्रीवास्तव ने कहा,''मुझे नहीं लगता ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा लोगों को इससे फ़र्क पड़ता है। बहुत से लोगों ने तो ये ऐड देखा भी नहीं होगा।''
 
वहीं, कंपनी के ग्रुप मार्केंटिंग मैनेजर ऐंड्रू होवी का कहना है कि नये ऐड कैंपेन का मकसद यह बताना है कि भले ही आप किसी भी धर्म या समुदाय के हों, लैंब आप सबको साथ ला सकता है। उन्होंने कहा, ''भेड़ का मांस दशकों से लोगों को साथ लाने में कामयाब रहा है। ऐसे में हमारे प्रोडक्ट को सेलिब्रेट करने का इससे बेहतर तरीका और क्या होगा?''
ये भी पढ़ें
एक शख्स ने अफगानिस्तान का इतिहास बचा लिया