इस देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अंधविश्वास के चलते तंत्र साधना या तांत्रिक क्रियाओं के माध्यम से जीवन में जल्दी से सफल होना चाहते हैं या किसी को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में बहुत पछताते हैं। वर्तमान में तंत्र का गलत अर्थ निकालकर उसे जादू-टोने से जोड़ दिया गया है। आओ जानते हैं कि क्यों बचना चाहिए आम आदमी को इससे और जानिए 10 बड़े खतरें मान्यताओं और जनश्रुति के आधार पर।
1. तंत्र के नाम पर ठगी : वर्तमान में वशीकरण, लव मैरिज, सम्मोहन, मारण, ताबीज, मुठकरणी, टोने, स्तंभन, काला जादू सभी के नाम पर बाजार में कई पीर-फकीर, बाबा या तांत्रिक लूटने के लिए बैठे हैं। आम आदमी इनके चक्कर में पड़कर अपना धन ही नहीं जीवन भी बर्बाद कर लेता है।
2.कुल हो जाता है नष्ट : प्रचलित मान्यता अनुसार इस तरह के कर्म को करने या करवाने वाले का कुल नष्ट हो जाता है और वह बाद में जिंदगीभर पछताता रहता है क्योंकि किसी भी तरह के बुरे कर्म का परिणाम तो भुगतना ही होता है।
3. धर्म विरुद्ध है यह कार्य : तुलसीदासजी ने रामचरित मानस में लिखा है कि यह सभी कौलमार्गी (तांत्रिक, अघोर, बाबा आदि) है जो धर्म विरूद्ध हैं। कौल या वाम का अर्थ यह कि जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले। जो संसार की हर बात के पीछे नकारात्मकता खोज ले और जो नियमों, परंपराओं और लोक व्यवहार का घोर विरोधी हो, वह वाममार्गी है। ऐसा काम करने वाले लोग समाज को दूषित ही करते हैं। यह लोग उस मुर्दे के समान है जिसके संपर्क में आने पर कोई भी मुर्दा बन जाता है। यह बात वाल्मीकि रामायण और अन्य शास्त्रों में भी लिखी है। इस तरह के धर्म विरुद्ध कार्य करने से व्यक्ति को नरक की प्राप्ति होती है।
4.मृत्यु हो सकती है : दो तरह की साधनाएं होती है पहली दक्षिणमार्गी और दूसरी वाममार्गी। तंत्र साधना या क्रियाएं वाममार्गी साधना है। यह असाधारण और भयावह होती है। लेकिन इसका परिणाम तुरंत ही आता है। असाधारण प्रयत्न करने पर इसकी प्रतिक्रिया भी असाधारण होती है अत: कहते हैं कि इसे यदि आम आदमी करने जाता है तो वह मुसीबत में फंसकर मृत्यु को भी प्राप्त हो सकता है। असली तांत्रिक साधना (जादू, टोने आदि से भिन्न मोक्ष का मार्ग) प्रकृति में छिपी शक्ति पर अधिकार करने का एक उपक्रम है। इस दौरान व्यक्ति के साथ जो भी घटित होता है वह अचानक ही होता है जिसकी की वह कल्पना नहीं कर सकता। अत: यदि आपकी तैयारी नहीं है तो आपकी मृत्यु भी हो सकती है। इसीलिज्ञए तंत्र साधना से पहले व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनाता है।
5. किताबी ज्ञान के खतरें : अक्सर या देखा गया है कि बाजार में मिलने वाले तंत्र-गंथों में जो साधना-विधियां लिखी गई है वे बड़ी अधूरी हैं। उनमें दो ही बाते मिलती हैं- एक साधन का फल, दूसरे साधन-विधि का कोई छोटा-सा अंग। यह विधि कितनी सही या गलत है यह कोई नहीं जानता। किताबी ज्ञान आपको इशारे से मार्ग बता सकता है लेकिन वह मार्ग सही है या नहीं यह तो वही बता सकता है जो उस मार्ग पर चलकर गया है और जिसने उस मार्ग के सभी तरह के दुख और सुख झेले हैं। हालांकि ऐसी कई किताबों में दावा किया जाता है कि यह लेखक का सच्चा अनुभव है लेकिन क्या आपने लेखक को देखा और परखा?
6. खतरनाक हैं ये साधनाएं या क्रियाएं : तंत्र साधना में देवी काली, अष्ट भैरवी, नौ दुर्गा, दस महाविद्या, 64 योगिनी आदि देवियों की साधना की जाती है। इसी तरह देवताओं में बटुक भैरव, काल भैरव, नाग महाराज की साधना की जाती है। उक्त की साधना को छोड़कर जो लोग यक्षिणी, पिशाचिनी, अप्सरा, वीर साधना, गंधर्व साधना, किन्नर साधना, नायक नायिका साधान, डाकिनी-शाकिनी, विद्याधर, सिद्ध, दैत्य, दानव, राक्षस, गुह्मक, भूत, वेताल, अघोर आदि की साधनाएं निषेध हैं। निषेध साधना या क्रिया करने वाले लोग अपने आसपास खतरा और नर्क का जाल बुनते हैं।
7.भूत-प्रेत लग जाते हैं पीछे : कहते हैं कि जो इस तरह की नकारात्मक क्रियाएं करते हैं उनके पीछे भूत प्रेत, डाकिनी-शाकिनी, पिशाचिनी आदि तरह की नकारात्मक शक्तियां लग जाती हैं और फिर वे जीवन भर पछताते हैं।
8.पागल हो सकता है व्यक्ति : प्रचलित मान्यता अनुसार यह भी कहा जाता है कि ऐसी क्रियाओं के चक्कर में व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो देता है और फिर वह पागलों जैसा जीवन यापन करता है।
9. आत्महत्या भी कर सकता है व्यक्ति : ऐसा भी कहा जाता है कि ऐसी क्रियाएं करने के बाद व्यक्ति बुरी शक्तियों के वश में होकर आत्महत्या भी कर लेता है। इसीलिए इसे आम आदमी के लिए बहुत ही खतरनाक मार्ग कहा गया है।
10. खतरे से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है : यह भी कहा जाता है कि एक बार जो कोई भी आम आदमी तंत्र, मंत्र या तांत्रिक क्रियाओं के चक्कर में पड़ जाता है तो इससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह इसमें उलझता ही जाता है और फिर उसे अपना घर बार छोड़कर दूर जाना होता है।